Indian Commodity Exchange: पूंजी बाजार नियामक सेबी ने मंगलवार को इंडियन कमोडिटी एक्सचेंज लिमिटेड की मान्यता खत्म कर दिया. मार्केट रेगुलेटर ने कहा कि एक्सचेंज के पास पर्याप्त संख्या में अनुभवी कर्मचारी और अपेक्षित वित्तीय क्षमता का अभाव है. पीटीआई की खबर के मुताबिक, सेबी (SEBI) ने एक आदेश में कहा, नतीजतन, आईसीईएक्स (ICEX) एक मान्यता प्राप्त स्टॉक एक्सचेंज नहीं रहेगा. आईसीईएक्स (भारतीय जिंस एक्सचेंज) को केंद्र सरकार द्वारा स्थायी आधार पर अक्टूबर, 2009 में जारी एक अधिसूचना के जरिये वायदा अनुबंध के तहत एक एक्सचेंज के रूप में मान्यता दी गई थी.

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न्यूनतम नेटवर्थ में भी आई गिरावट

खबर के मुताबिक, नेटवर्थ की जरूरत, सेबी निरीक्षण के निष्कर्ष और बुनियादी ढांचे जैसे कई आधार के मोर्चे पर गैर-अनुपालन के बाद नियामक ने अपनी मान्यता वापस ले ली है. सेबी ने अपने आदेश में कहा कि नवंबर, 2021 तक आईसीईएक्स (ICEX) की कुल संपत्ति 93.43 करोड़ रुपये थी, जो जनवरी, 2022 तक घटकर 86.45 करोड़ रुपये रह गई. नियमों के मुताबिक, हर मान्यता प्राप्त स्टॉक एक्सचेंज के पास हर समय न्यूनतम नेटवर्थ 100 करोड़ रुपये होना जरूरी है.

एक्सचेंज में स्थिति बहुत अनिश्चित 

नियामक (SEBI) ने कहा कि एक्सचेंज (Indian Commodity Exchange) पर चलाए जा रहे अनुबंधों में से कोई भी बड़ी मात्रा को नहीं दर्शा रहा था. सेबी ने कहा कि तय मानकों के अनुपालन और नियामकीय मुद्दों के साथ-साथ निगरानी जैसे सबसे महत्वपूर्ण कार्यों के लिए कर्मचारियों की कमी ने एक्सचेंज (ICEX) में स्थिति को बहुत अनिश्चित बना दिया है, जिससे इसके अस्तित्व की निरंतरता संदिग्ध हो जाती है.

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बड़े अधिकारियों ने दे दिया है इस्तीफा

एक्सचेंज से प्रबंध निदेशक (एमडी) और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) ने अब इस्तीफा दे दिया है. इसके अलावा, एक्सचेंज ने उल्लेख किया है कि अनुभवी कर्मचारी, कंपनी में शामिल होने के इच्छुक नहीं हैं. इसके अलावा, तीन मौजूदा लोकहित निदेशकों में से दो पहले ही एक्सचेंज (Indian Commodity Exchange) के बोर्ड से इस्तीफा दे चुके हैं. हालांकि, उन्हें अभी पद पर बने रहने को कहा गया है.