विदेशी निवेशकों ने जून महीने में अब तक भारतीय पूंजी बाजार में शुद्ध रूप से 10,312 करोड़ रुपये का निवेश किया है. इसमें ज्यादातर निवेश बॉन्ड बाजार में किया गया है. विशेषज्ञों ने कहा कि पश्चिमी एशिया में तनाव बढ़ने और भारत-अमेरिका के बीच व्यापार को टकराव के चलते शेयर बाजारों में निवेश में सुस्ती आई है. डिपॉजिटरी के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने 3 से 21 जून के दौरान, शेयर बाजार में शुद्ध रूप से 552.07 करोड़ रुपये का निवेश किया, जबकि बॉन्ड बाजार में 9,760.59 करोड़ रुपये डाले. इस तरह भारतीय पूंजी बाजार में उनका शुद्ध निवेश 10,312.66 करोड़ रहा. 

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इससे पहले, विदेशी निवेशक लगातार चार महीनों से शुद्ध खरीदार बने हुए हैं. वैश्विक निवेशकों ने शेयर और बॉन्ड बाजार दोनों में मई में शुद्ध रूप से 9,031.15 करोड़ रुपये, अप्रैल में 16,093 करोड़ रुपये की पूंजी डाली थी. वहीं मार्च में 45,981 करोड़ रुपये तथा फरवरी में 11,182 करोड़ रुपये का निवेश किया था.

मॉर्निंगस्टार के वरिष्ठ विश्लेषक प्रबंधक (शोध) हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा, कच्चे तेल के दाम में तेजी और अमेरिका-ईरान के बीच गतिरोध से पश्चिम एशिया में तनाव बढ़ने से इस हफ्ते पूंजी बाजार में धारण कमजोर रही. व्यापार युद्ध को लेकर भी निवेशक सतर्कता बरत रहे हैं.

उन्होंने कहा कि विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों का ध्यान 5 जुलाई को पेश होने वाले आम बजट पर भी है. इसमें सरकार राजकोषीय मजूबती, राजकोषीय घाटे के लक्ष्य और आर्थिक वृद्धि को बढ़ाने के लिए उठाए जाने वाले कदमों की रूपरेखा पेश करेगी.