अक्टूबर के पहले चार दिनों में FPI ने बेचे ₹9412 करोड़ के शेयर, बिकवाली के बावजूद यहां कर रहे खरीदारी
FPI: भारत इस साल एफपीआई (FPI) को आकर्षित करने में उभरती अर्थव्यवस्थाओं में शीर्ष पर बना हुआ है, लेकिन सितंबर में बिकवाली देखी गई और अक्टूबर की शुरुआत भी इसी ट्रेंड के साथ हुई है.
FPI: हाल के हफ्तों में बाजारों में कैपिटल फ्लो को प्रभावित करने वाला एक प्रमुख कारक यूएस बॉन्ड यील्ड (US Bond Yeilds) में लगातार बढ़ोतरी है. ये बात जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी.के. विजयकुमार ने कही है. अक्टूबर के शुरुआती दिनों में अमेरिकी बॉन्ड बाजार में गिरावट देखी गई, जिससे 30 साल की बॉन्ड यील्ड कुछ समय के लिए 5% पर पहुंच गई.
विजयकुमार ने कहा कि बेंचमार्क 10-वर्षीय यील्ड लगातार 4.7% से अधिक है, जो एफपीआई को उभरते बाजारों में शेयर बेचने के लिए मजबूर कर रही है. भारत इस साल एफपीआई (FPI) को आकर्षित करने में उभरती अर्थव्यवस्थाओं में शीर्ष पर बना हुआ है, लेकिन सितंबर में बिकवाली देखी गई और अक्टूबर की शुरुआत भी इसी ट्रेंड के साथ हुई है.
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इन सेक्टर्स में कर रहे हैं बिकवाली
उन्होंने कहा कि अक्टूबर के पहले चार दिनों में एफपीआई ने कैश मार्केट में 9,412 करोड़ रुपये के शेयर बेचे हैं., एफपीआई फाइनेंस, बिजली, आईटी और तेल व गैस में बिकवाली कर रहे हैं. बिकवाली करते हुए भी एफपीआई कैपिटल गुड्स, ऑटो और ऑटो कंपोनेंट्स में खरीदार बने हुए हैं.
दूसरी तिमाही के नतीजे अच्छे रहने की उम्मीद
उन्होंने कहा, ऊंचे डॉलर और अमेरिकी बॉन्ड यील्ड के चलते एफपीआई के हाल फिलहाल में बाजार में खरीदार बनने की संभावना नहीं है. उन्होंने कहा कि दूसरी तिमाही के नतीजे अच्छे रहने की उम्मीद है, जिससे एफपीआई को इस क्षेत्र में बिकवाली करने से रोका जा सकता है.
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