Stocks to buy after US Fed rate hike: अमेरिकी सेंट्रल बैंक यूएस फेड की ओर से ब्‍याज दरों में 75 बेसिस प्‍वाइंट की बढ़ोतरी के बाद बाजारों में काफी उथल-पुथल देखी जा रही है. फेड के फैसले के बाद विदेशी बाजारों में तेजी आई. वहीं, घरेलू बाजारों में बढ़त के साथ कारोबार शुरू हुआ, लेकिन कुछ ही घंटों में बाजार लाल निशान में चले गए. ऐसे में यह अहम सवाल है कि फेड की मीटिंग के बाद बाजार की दिशा क्‍या होगी, आगे किस तरह का मूव बन सकता है. इस बारे में जी बिजनेस के मैनेजिंग एडिटर अनिल सिंघवी ने मार्सेलस इन्वेस्टमेंट मैनेजर्स के सौरभ मुखर्जी से विस्‍तार से बात की. 

इकोनॉमी मजबूत, अच्‍छी कंपनियों में लगाएं पैसा

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सौरभ मुखर्जी का कहना है, यूएस फेड ने आश्‍चर्यजनक कुछ बात नहीं की है. पूरा जो माहौल बना है कि कुछ हद तक ब्‍याज दरें बढ़ेंगी, मेरा मानना है कि अमेरिका में ज्‍यादा बढ़ेंगी, हमारे देश में कम बढ़ेंगी. मौजूदा हालात में यूएस को भारत के मुकाबले दोगुना ब्‍याज दर बढ़ानी होगी. जहां तक भारत की इकोनॉमी का सवाल है, तो वह पिछले 10-15 साल में सबसे मजबूत स्थिति में है. बैंकिंग सिस्‍टम तगड़ा है, कंज्‍यूमर का माहौल अच्‍छा है. कंज्‍यूमर ऑफटेक अच्‍छा है. हाउसहोल्‍ड बैलेंसशीट अच्‍छी पोजिशन में है. जॉब क्रिएशन फॉर्मल सेक्‍टर में जबरदस्‍त है. कुल मिलाकर घरेलू इकोनॉमी मजबूत स्थिति में है. कॉरपोरेट अर्निंग्‍स अच्‍छी है. 

मुखर्जी का कहना है, ग्‍लोबल हेडविंड्स आते रहेंगे. आज कोई मुद्दा है, दो साल बाद कोई और होगा. हम इन मसलों पर दिमाग नहीं लगाते हैं. हर हफ्ते अच्‍छी कंपनियों में पैसा लगाते हैं. एक साल पहले भी लगा रहे थे और आज भी लगा रहे हैं. साथ ही उम्‍मीद है कि एक साल बाद भी हम हर हफ्ते भारतीय कंपनियों में अपने क्‍लाइंट का फ्रेश इनफ्लो लगाते रहेंगे. 

बदले माहौल में किस सेक्‍टर में करें निवेश 

सौरभ मुखर्जी का कहना है कि हम जिस भी सेक्‍टर में निवेश करते हैं, उस सेक्‍टर की मजबूत कंपनी को चुनते हैं. जिस कंपनी में क्षमता हो और जिसका ट्रैक रिकॉर्ड दमदार हो. जिसमें कॉस्‍ट इन्‍फ्लेशन पर अपने क्‍लाइंट को लाभ देने की क्षमता हो. क्‍योंकि, इनपुट कॉस्‍ट का इश्‍यू हमेशा किसी ने किसी वजह से आएगा. इसलिए मजबूत कंपनी के साथ निवेश करें. ऐसी कंपनियां से कॉस्‍ट इन्‍फ्लेशन को अपने कस्‍टमर पर पासऑन कर देती हैं, जिससे ऑपरेटिंग मार्जिन प्रोटेक्‍ट हो जाता है.

मुखर्जी का कहना है, काफी सालों से लोगों को हाईलाइट कर रहा हूं. एडिसिव्‍स में पिडिलाइट, बैंकिंग एंड फाइनेंस में HDFC बैंक, बजाज फाइनेंस, कोटक बैंक बेहतर हैं. पेंट्स में बहुत सालों से बात कर रहा हूं. इसमें एशियन पेंट्स, बर्जर पेंट्स हैं. अगर हम पाइप्‍स इंडस्‍ट्री देखें, तो एस्‍टन पालीन, सीपीवीसी पाइप्‍स हैं. इस तरह के चैंपियन फेंचाइजी में पैसा लगाना हमारे लिए काफी सालों से काफी फायदेमंद रहा है. इनमें हम आज भी निवेश कर रहे हैं.

5 दिग्‍गज शेयरों का पोर्टफोलियो 

सौरभ मुखर्जी का कहना है, आज के समय में जिस तरह से रिटेल इन्‍वेस्‍टर्स वॉच कर रहे हैं, अगर आपको 3 लॉर्ज लिक्विड नाम लेने हों, तो HDFC बैंक, टाइटन और TCS लीजिए. मेरा मानना है कि आज के 10 साल बाद इन कंपनियों का मार्केट कैप करीब 1 ट्रिलियन डॉलर हो सकता है. HDFC बैंक और TCS का पहले ही 100 बिलियन डॉलर का मार्केट कैप है. इन तीनों कंपनियों का 3, 5 और 10 साल का आउटलुक बहुत ही मजबूत है. अगर आपको छोटी कंपनी में निवेश करने की इच्‍छा है, तो हमारे लिटिल चैम्‍स पोर्टफोलियो से GMM फाडलर, अल्‍काइन अमीन्‍स में निवेश कर सकते हैं. इनका 1 बिलियन डॉलर के आसपास मार्केट कैप है. अगर आप तीन साल का टाइम फ्रेम लें, तो इन कंपनियों में अच्‍छा पैसा बनेगा.

रेट सेंसेटिव स्‍टॉक्‍स पर राय

मुखर्जी का कहना है, रीयल एस्‍टेट बूम से गुजर रहा है. इसका फायदा हम एडिशनल कंपनियों के जरिए उठाते हैं. रीयल एस्‍टेट डेवलपर में निवेश इसलिए नहीं करते हैं, क्‍योंकि उनमें कॉम्पिटेटिव एडवांटेज नहीं होता है. रीयल एस्‍टेट में बूम है. इसमें आप बिल्डिंग मैटीरियल्‍स स्‍टॉक्‍स के जरिए इसका फायदा उठाइये. रेट सेंसेटिव में HDFC बैंक, बजाज फाइनेंस, कोटक बैंक हैं. थोड़ा कम मार्केट कैप में चोलामंडलम, हाउसिंग फाइनेंस में होम फर्स्‍ट और आवास हैं. ऑटो में हमारे पास रॉयल एनफील्‍ड, आयशर मोटर्स बेस्‍ट पिक हैं. 

 

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