SBI Card के बाद ये IPO कराएगा कमाई! 1,500 करोड़ रुपये जुटाने को मंजूरी
HFFC का कहना है कि आईपीओ के तहत 400 करोड़ रुपये के नए शेयर जारी किये जाएंगे जबकि 1,100 करोड़ रुपये के शेयरधारकों के शेयरों को बिक्री पेशकश के तौर पर जारी किया जाएगा.
इस साल कई नामी कंपनियों के पब्लिक इश्यू (IPO) पाइप लाइन में हैं. कुछ को सेबी से मंजूरी मिल गई है तो कुछ मंजूरी के लिए कतार में खड़े हैं. बाजार में इस समय एसबीआई कार्ड का आईपीओ धूम मचाए हुए है. यह आईपीओ महज दो दिनों में 87 फीसदी से ज्यादा सब्सक्राइब हो चुका है. मार्केट एक्सपर्ट मान रहे हैं कि यह निवेशकों को चंद दिनों में अच्छी कमाई कराएगा.
एसबीआई कार्ड के आईपीओ (SBI Card IPO) बाद अब एक फाइनेंस कंपनी को भी अपना आईपीओ लॉन्च करने की मंजूरी मिल गई है. आवास वित्त क्षेत्र के काम करने वाली होम फर्स्ट फाइनेंस कंपनी (Home First Finance Company) ने कहा कि उसे प्रारम्भिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) के जरिये पूंजी बाजार से 1,500 करोड़ रुपये जुटाने के लिय सेबी की मंजूरी मिल गई है.
HFFC का कहना है कि आईपीओ के तहत 400 करोड़ रुपये के नए शेयर जारी किये जाएंगे जबकि 1,100 करोड़ रुपये के शेयरधारकों के शेयरों को बिक्री पेशकश के तौर पर जारी किया जाएगा.
कंपनी में उसके प्रवर्तक और निवेशक जो अपनी हिस्सेदारी बेच रहे हैं उनमें ट्रू नार्थ फंड वी एलएलपी, एथेर (मारीशस), बेसेमेर इंडिया कैपिटल होल्डिंग्स- 11 लिमिटेड, पीएस जयकुमार, मनोज विश्वनाथन और भास्कर चौधरी शामिल हैं.
कंपनी ने आईपीओ के लिये SEBI के पास मसौदा दस्तावेज 28 नवंबर, 2019 को सौपे थे. कंपनी के शेयरों को एनएसई और बीएसई में लिस्टिड किया जाएगा.
इक्विटास स्मॉल फाइनेंस बैंक के आईपीओ को भी हरी झंडी
Equitas Small Finance Bank को भी बाजार नियामक सेबी से आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (public issue) लाने की मंजूरी मिल गई है. पब्लिक इश्यू में 550 करोड़ रुपये के नए शेयर शामिल किए जाएंगे तथा 8 करोड़ इक्विटी शेयर बाजार के जरिए बेचे जाएंगे. Finance Bank के इस शेयर को बीएसई (BSE) और एनएसई (NSE) में लिस्टिड किया जाएगा. जेएम फाइनेंशियल, एडलवाइस फाइनेंशियल सर्विसेज और आईआईएफएल सिक्योरिटीज इस आईपीओ का मैनेजमेंट देखेंगे.
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आईपीओ के प्रस्ताव पर 28 फरवरी को टिप्पणी जारी की गई थी. विवरण पुस्तिका के मुताबिक बैंक इस प्रक्रिया से जुटाए गए धन का इस्तेमाल अपना पूंजी आधार को बढ़ाने के लिए करेगा, ताकि भविष्य की पूंजी आवश्यकताओं को पूरा किया जा सके.