Zomato: बड़े निवेशकों ने सेबी से की शिकायत, समय पर जोमैटो-ब्लिंकिट डील की जानकारी ना देने से हुआ नुकसान
Zomato-Blinkit Deal: बड़े निवेशकों ने कंपनी के खिलाफ सेबी को शिकायत दर्ज की है और बताया है कि जोमैटो और ब्लिंकिट डील की जानकारी देर से मिली, जिसकी वजह से भारी नुकसान हुआ.
Zomato-Blinkit Deal: शेयर बाजार में लिस्टिंग होने से लेकर अबतक फूड डिलिवरी कंपनी जोमैटो का शेयर लगातार खबरों में है. हाल ही में कंपनी ने ग्रॉसरी डिलिवरी प्लेटफॉर्म ब्लिंकिट का अधिग्रहण किया था और उसके बाद से लगातार शेयर में गिरावट देखने को मिल रही है. लेकिन अब इस कंपनी को लेकर जो बड़ी खबर सामने आ रही है वो ये है कि कुछ बड़े निवेशकों ने (HNIs) कंपनी के खिलाफ सेबी (सिक्योरिटी एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया) को शिकायत दर्ज की है. HNIs यानी कि हाई नेटवर्थ इंवेस्टर्स ने सेबी को एक शिकायत दर्ज की है और बताया है कि कंपनी ने जोमैटो-ब्लिंकिट की डील के बारे में देरी से जानकारी दी, जिसकी वजह से कुछ निवेशकों को बड़ा नुकसान हुआ है.
HNIs ने ये भी लगाए आरोप
इसके अलावा कुछ बड़े निवेशकों की ओर से ये भी आरोप लगाया गया है कि कुछ निवेशकों की इस डील की जानकारी पहले से थी. उन्होंने अपनी शिकायत में बताया कि कुछ निवेशकों को पहले से पता था कि ये डील होने वाली है और उन निवेशकों ने इस डील के ऐलान होने से पहले ही इसका फायदा उठा लिया.
Zee Business Hindi Live TV यहां देखें
SEBI को दर्ज की गई शिकायत
सेबी को शिकायत मिलने के बाद अब सेबी सबसे पहले इस बात पर चर्चा करेगा कि ये खबर पहले से पब्लिक डोमेन में थी तो क्या इस पर कंपनी ने कोई सफाई दी है या नहीं. इसके अलावा सेबी इस बात पर भी ध्यान देगा कि क्या एक्सचेंज ने इस बारे में कोई संज्ञान लिया है या नहीं.
कंपनी ने भी जारी की अपनी सफाई
ऐसा बताया जा रहा है कि ऐसे कई मामलों में ये देखा गया है कि कंपनी ने इस तरह की जानकारी का ऐलान तब तक नहीं करती, जब तक कंपनी के बोर्ड से इसे मंजूरी ना मिले. हालांकि कंपनी ने एक बयान जारी कर बताया है कि जोमैटो ने जो भी काम किया है वो सब नियमोंके मुताबिक ही किया है. कंपनी ने कहा है कि जबतक डील पूरी नहीं हो जाती, तबतक कंपनी की ओर से कोई पब्लिक डिस्क्लोजर नहीं दिया गया था.
इस मुद्दे पर अनिल सिंघवी की राय
ज़ी बिजेनस के मैनेजिंग एडिटर अनिल सिंघवी ने इस मुद्दे पर अपनी बात रखी और कहा कि सबसे पहले काम जो किसी कंपनी को करना चाहिए वो ये है कि सभी स्टेकहोल्डर्स को एक साथ जानकारी मिले. उन्होंने कहा कि अगर धीरे-धीरे निवेशकों का भरोसा कंपनी पर से हट रहा है तो ये कंपनी के लिए निगेटिव खबर है.