Hindenburg Research की तरफ से सेबी चेयरमैन माधबी पुरी बुच पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं. अब दिग्गज निवेश मार्क फेबर (Marc Faber) ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा है कि अगर आरोप सही हैं तो इसमें लिप्त सभी लोगों को इस्तीफा दे देना चाहिए. उन्होंने यह भी कहा है कि कैसे शेयर बाजार की चाल हमेशा वास्तविक आर्थिक स्थिति को नहीं दिखाती है.

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फेबर एक जाने-माने निवेशक हैं और साथ ही The Gloom, Boom & Doom Report के पब्लिशर भी हैं. यह रिपोर्ट ग्लोबल फाइनेंशियल मार्केट और आर्थिक स्थिति पर विपरीत नजरिया दिखाती है. फेबर ने कहा- 'भारत के सेबी और अमेरिका के SEC की शुरुआत छोटे निवेशकों के हितों की रक्षा के लिए की गई थी, लेकिन वह बड़े बिजनेस को बचाने में लगे हुए हैं.'

क्या है मामला?

हिंडनबर्ग रिसर्च ने सेबी प्रमुख माधबी पुरी बुच पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उन पर अडानी मामले में इस्तेमाल किए गए ऑफ शोर फंड में हिस्सेदारी का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा है कि अडानी से जुड़ी कंपनी ने बरमूडा रजिस्टर्ड, ग्लोबल डायनेमिक ऑपर्च्युनिटीज फंड में निवेश किया. फिर ग्लोबल डायनेमिक ऑपर्च्युनिटीज फंड ने मॉरीशस के IPE Plus 1 में निवेश किया. IPE Plus 1 में माधबी पुरी बुच और पति धवल बुच ने निवेश किया था. 

व्हिस्लब्लोअर के जुटाए दस्तावेजों के आधार पर हिंडनबर्ग ने सेबी चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच, उनके पति धवल बुच के ऊपर आरोप लगाए हैं. बरमूडा और मॉरीशस के फंड्स थे, जो अदानी केस में इस्तेमाल हुए थे. बुच दंपत्ति ने IPE Plus 1 फंड में निवेश के लिए जून 2015 में  IIFL के जरिए सिंगापुर में खाता खोला था. आरोप ये भी है कि मिलीभगत की वजह से अदानी ग्रुप के ऑफशोर फंड्स के खिलाफ सेबी की कार्रवाई नहीं हुई.

जिस कंसल्टिंग फर्म में Agora Advisory Private limited में उनके पति डायरेक्टर हैं, उसकी आय पर सवाल उठाए गए हैं. 2022 में कंसल्टिंग फर्म Agora की 2.61 लाख डॉलर आमदनी हुई थी. आरोप है कि Agora Advisory Private limited में 99% हिस्सा माधबी पुरी बुच का है और बाकी 1% अन्य का है. आरोप यह भी है कि उनके पति ब्लैकस्टोन में एडवाइजर थे और उसे फायदा पहुंचाने के लिए REIT (Real Estate Investment Trust) की पॉलिसी को बढ़ावा दिया गया.