Hindenburg Research का एक और धमाका, जैक डोर्सी की पेमेंट कंपनी Block Inc पर फ्रॉड का बड़ा आरोप
Hindenburg Research की तरफ से एक और कंपनी को लेकर खुलासा किया गया है. रिसर्च फर्म ने जैक डोर्सी की पेमेंट कंपनी Block inc को लेकर कई सनसनीखेज खुलासे किए हैं. शेयरों में 18 फीसदी की भारी गिरावट है.
Hindenburg Research: हिंडनबर्ग रिसर्च की तरफ से जिस धमाके का इंतजार था वह कर दिया गया है. रिसर्च फर्म के निशाने पर अब ट्विटर के पूर्व सीईओ जैक डोर्सी की पेमेंट कंपनी Block Inc आया है. अपनी रिपोर्ट में इसने कहा कि ब्लॉक इंक ने अपने यूजर्स को बढ़ा-चढ़ा कर दिखाया है. इसके अलावा कस्टमर एक्वीजिशन कॉस्ट को भी कम कर दिखाया गया है. इस रिपोर्ट के आने के बाद ब्लॉक इंक के शेयरों में 18 फीसदी के भारी गिरावट आई है. हिंडनबर्ग की रिपोर्ट अदानी ग्रुप को लेकर आई रिपोर्ट के ठीक दो महीने बाद आई है. इस रिपोर्ट के आने के बाद अदानी ग्रुप के के मार्केट कैप में 100 बिलियन डॉलर की भारी गिरावट आई है.
44 बिलियन डॉलर का है मार्केट कैप
Block Inc का पुराना नाम Square है और इसका मार्केट कैप 44 बिलियन डॉलर है. इस रिपोर्ट में रिसर्च फर्म ने कहा कि स्क्वॉयर ने फाइनेंशियल टेक्नोलॉजी की मदद से फ्रॉड किया है. इस फाइनेंशियल कंपनी ने “unbanked” और “underbanked” को एम्पॉवर करने का लक्ष्य रखा है. अनबैंक्ड और अंडरबैंक्ड इंडिविजुअल वे लोग कहलाते हैं, जिनका कोई बैंक अकाउंट नहीं है या फिर बैंक अकाउंट होने के बावजूद बैंकिंग सिस्टम से अलग फाइनेंशियल सर्विसेज यूज करते हैं.
कोरोना के बाद इस ऐप के इस्तेमाल में जबरदस्त तेजी
कोरोना महामारी के बाद Block Inc के कैश ऐप प्लैटफॉर्म में जबरदस्त उछाल दर्ज किया गया. मंथली इस ऐप की मदद से 52 मिलियन यानी 5.1 करोड़ से ज्यादा ट्रांजैक्शन किए जाते हैं. इस कैश ऐप का 35 फीसदी रेवेन्यू इंटरचेंज फीस से आता है.
सरकार की राहत का गलत इस्तेमाल किया गया
बता दें कि मार्च 2020 में कोरोना महामारी आने के बाद अमेरिकी सरकार ने अपने युवाओं के लिए राहत के तौर पर डॉलर बांटना शुरू किया था. उस समय जैक डोर्सी की तरफ से ट्वीट कर कहा गया था कि Block Inc के कैश ऐप की मदद से यूजर्स तुरंत पेमेंट पा सकते हैं. इसमें किसी तरह के बैंक अकाउंट की जरूरत नहीं होती है. 2 साल की रिसर्च के दौरान हिंडनबर्ग ने कंपनी के पूर्व कर्मचारियों से इंटरव्यू किया, जिसमें उन्होंने कहा कि मैनेजमेंट की तरफ से यह दबाव था कि यूजर्स का KYC यानी नो योर कस्टमर और AML यानी एंटी मनी लॉन्ड्रिंग के कानूनों की अनदेखी की जाए.
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