Hindenburg research ने कहा था- 'इंडिया पर कुछ बड़ा ऐलान होने वाला है', कुछ ऐसा ही हुआ भी है. हिंडनबर्ग रिसर्च ने अडानी मामले में खुलासे के बाद इस बार SEBI (भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड) की चेयरपर्सन पर गंभीर आरोप लगाए हैं, जिसमें दावा किया गया है कि उनका अडानी घोटाले से गहरा संबंध है. रिपोर्ट के मुताबिक, SEBI चेयरपर्सन के पास अडानी ग्रुप की एक कंपनी में हिस्सेदारी है, जो इस घोटाले में शामिल है.

'अडानी घोटाले में SEBI की भूमिका संदिग्ध'

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Hindenburg की रिपोर्ट में बताया गया है कि अडानी ग्रुप के खिलाफ जांच में SEBI की भूमिका संदिग्ध है और इसके चेयरपर्सन की निष्पक्षता पर सवाल उठाए गए हैं. इस मामले से भारतीय शेयर बाजार में हलचल मचना तय है. निवेशकों के बीच चिंता का माहौल बन सकता है.

सीधे-सीधे मिले होने का लगाया आरोप

हिंडनबर्ग रिपोर्ट में कहा गया है कि सेबी चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच भी अडानी ग्रुप के साथ मिली हुई हैं. यही वजह है कि अडानी ग्रुप (Adani Group) के खिलाफ उन्होंने 18 महीने में भी कार्रवाई नहीं की है. हिंडनबर्ग रिसर्च ने इस खुलासे के बारे में सुबह सोशल मीडिया एक्स पर ऐलान कर दिया था. आखिरकार एक बार फिर से अडानी ग्रुप ही हिंडनबर्ग के निशाने पर है.

Whistleblower Documents Reveal SEBI’s Chairperson Had Stake In Obscure Offshore Entities Used In Adani Money Siphoning Scandal