Hindenburg आरोपों पर Adani Group की सफाई- 'अफवाह है, हमारा कोई कनेक्शन नहीं'- सुप्रीम कोर्ट भी कर चुका है खारिज
Hindenburg research Report: हिंडनबर्ग रिपोर्ट जारी होने के अगले दिन, अदानी ग्रुप ने आरोपों को दुर्भावनापूर्ण और शरारती करार दिया और कहा कि ग्रुप का रिपोर्ट में नामित व्यक्तियों के साथ कोई व्यावसायिक संबंध नहीं है.
Hindenburg research Report: अमेरिकी शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च ने सिक्योरिटी एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) प्रमुख माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच पर अडानी ग्रुप के ऑफशोर फंड्स में हिस्सेदारी रखने का आरोप लगाया है. अदानी ग्रुप ने नई हिंडनबर्ग रिपोर्ट को 'अफवाह' बताया है. हिंडनबर्ग रिपोर्ट जारी होने के अगले दिन, अदानी ग्रुप ने आरोपों को दुर्भावनापूर्ण और शरारती करार दिया और कहा कि ग्रुप का रिपोर्ट में नामित व्यक्तियों के साथ कोई व्यावसायिक संबंध नहीं है.
एक्सचेंज फाइलिंग में अदानी ग्रुप ने कहा, हिंडेनबर्ग द्वारा लगाए गए नए आरोप दुर्भावनापूर्ण, शरारती और चालाकीपूर्ण तरीके से सार्वजनिक रूप से उपलब्ध जानकारी का चयन करके तथ्यों और कानून की अवहेलना करते हुए व्यक्तिगत लाभ कमाने के लिए हैं. हम अदानी ग्रुप के खिलाफ इन आरोपों को पूरी तरह से खारिज करते हैं जो कि गलत दावों को फिर रिसाइकिल किया हैं, जिनकीजांच की जा चुकी है, वे निराधार साबित हुए हैं. इसे माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा जनवरी 2024 में पहले ही खारिज किया जा चुका है.
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अदानी ग्रुप ने कहा, हमारी विदेशी होल्डिंग स्ट्रक्चर पूरी तरह से पारदर्शी है, जिसमें सभी प्रासंगिक विवरण नियमित रूप से कई सार्वजनिक दस्तावेजों में दिए जाते हैं. इसके अलावा, अनिल आहूजा अदानी पावर (2007-2008) में 3i इन्वेस्टमेंट फंड के नामित निदेशक थे और बाद में, 2017 तक अदानी एंटरप्राइजेज के निदेशक थे. अदानी ग्रुप का हमारी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने के लिए जानबूझकर किए गए इस प्रयास में इन व्यक्तियों या मामलों के साथ कोई व्यावसायिक संबंध नहीं है. हम पारदर्शिता और सभी कानूनी और नियामक आवश्यकताओं के अनुपालन के लिए दृढ़ता से प्रतिबद्ध है. भारतीय प्रतिभूति कानूनों के कई उल्लंघनों के लिए जांच के घेरे में आए एक बदनाम शॉर्ट-सेलर के लिए, हिंडेनबर्ग के आरोप भारतीय कानूनों के प्रति पूर्ण अवमानना रखने वाली एक हताश संस्था द्वारा फेंके गए भ्रामक बयानों से अधिक कुछ नहीं हैं.
क्या है Hindenburg का दावा?
हिंडेनबर्ग ने दावा किया कि बुच और उनके पति ने बरमूडा और मॉरीशस में स्थित अज्ञात ऑफशोर फंडों में अघोषित निवेश किया है - ऐसी संस्थाएं जिनका उपयोग कथित तौर पर समूह के अध्यक्ष गौतम अदानी के बड़े भाई विनोद अडानी द्वारा फंडों की राउंड ट्रिपिंग और स्टॉक की कीमतों को बढ़ाने के लिए किया जाता है.
बुच ने आरोप को आधारहीन बताया
हिंडनबर्ग रिसर्च ने सेबी की चेयरपर्सन माधवी पुरी बुच और उनके पति पर अदानी से जुड़ी ऑफशोर फंड्स में हिस्सेदारी होने का आरोप लगाया है. हालांकि सेबी प्रमुख ने आरोप को पूरी तरह आधारहीन बताया है. उन्होंने कहा, रिपोर्ट में लगाए गए आरोप पूरी तरह से निराधार और बेबुनियाद है. इनमें तनिक भी सच्चाई नहीं है. हमारा जीवन और वित्तीय स्थिति एक खुली किताब की तरह है. सभी आवश्यक खुलासे पहले ही वर्षों से सेबी को दिये जा चुके हैं. हमें किसी भी वित्तीय दस्तावेजों का खुलासा करने में कोई हिचकिचाहट नहीं है.
बुच ने कहा, यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि जिस हिंडनबर्ग रिसर्च के खिलाफ सेबी ने प्रवर्तन कार्रवाई की है और कारण बताओ नोटिस जारी किया है, उसी के जवाब में हमें ही घेरने और चरित्र हनन करने का प्रयास किया गया है. उन्होंने यह भी कहा कि पूर्ण पारदर्शिता को ध्यान में रखकर, नियत समय में एक विस्तृत बयान जारी किया जाएगा.