Natural Gas price in India: 1 अप्रैल से आम-आदमी की जरूरत के काफी सारी चीजों की कीमतों में बदलाव होने जा रहा है. ऐसा कहा जा रहा है कि नेचुरल गैस की कीमतों में भी 1 अप्रैल से बढ़ोतरी संभव है. गैस की कीमतें बढ़कर 7 डॉलर तक जा सकती हैं. आइए Zee Business के सीनियर रिसर्च एनालिस्ट वरून दुबे से जानते हैं कि गैस की कीमतों पर कितना असर पड़ने वाला है.

7 डॉलर तक जा सकती है कीमतें

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दुबे ने बताया कि गैस की कीमतें जो वर्तमान में 2.9 डॉलर हैं, वह बढ़कर 7 डॉलर तक हो सकती है, जिसका मतलब है कि गैस की कीमतों में करीब 140 फीसदी की उछाल आ सकती है. गैस की कीमतें यूएस, यूके कनाडा, और रूस की ओवलआल वेटेड एवरेज कीमतों पर निर्भर करता है. Henry Hub की कीमतें और यूरोप की गैस की कीमतों पर यह निर्भर करती है.

 

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यूरोप में 3-4 गुना महंगी हुई गैस

उन्होंने कहा कि पिछले एक साल की बात करें तो हैनरी हब की कीमते 67 फीसदी के आस-पास बढ़ी हैं.यूरोप में गैस की कीमतें 3-4 गुना बढ़ चुकी है और एलएनजी की कीमतें लाइफ टाइम हाई पर पहुंच चुकी है. इसका असर आपको गैस की कीमतों पर देखने को मिलेगा. पिछली बार गैस की कीमते 1.79 से बढ़कर 2.9 तक हो गई थीं. तब ये माना जा रहा था कि अप्रैल में जो गैस की कीमतें बढ़ेंगी वह 100 फीसदी के आसपास बढ़ सकती है, लेकिन गैस की कीमतें केवल जनवरी तक ही ली जाती हैं. अगर हम जून से जनवरी तक गैस की कीमतें देखते हैं, तो गैस की कीमतें में भारी इजाफा हो चुका है. इसके लिए माना जा रहा है कि गैस की कीमतों में 140 फीसदी का इजाफा हो सकता है. 

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दो बार में बढ़ सकती है कीमतें

दुबे ने कहा कि हालांकि जिस तरह से महंगाई बढ़ रही है, हो सकता है सरकार एकाएक इतनी कीमतें न बढ़ाए. कुछ रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि सरकार हो सकता है कि गैस की कीमतें दो बार में बढ़ाए. जिसका मतलब है कि अभी हो सकता है कीमत 2 डॉलर के आस पास बढ़े. उसके बाद हो सकता है अक्टूबर में 2 डॉलर के आस-पास कीमतें बढ़ाए. लेकिन जिस हिसाब से कीमतें ल रही हैं, गैस की कीमतें 7-8 डॉलर के पास रह सकती है. 

इकोनॉमी पर पड़ेगा असर

उन्होंने कहा कि गैस की कीमतों में बढ़ोतरी का यह असर पूरी इकोनॉमी पर पड़ेगा, खासकर पावर कंपनी पर, क्योंकि कुल गैस का करीब-करीब 22 फीसदी के आसपास पावर कंपनी इस्तेमाल करती है. नेचुरल गैस का 32 फीसदी तो सिटी गैस इस्तेमाल करती है. ऐसा माना जाता है कि नैचुरल गैस की कीमतों में आने वाले 1 डॉलर के उछाल पर सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूटर कंपनी को 4-5 डॉलर कीमतें बढ़ानी पड़ती हैं.

फर्टलाइजर कंपनियों पर गैस की बढ़ी कीमतों का असर हो सकता है, क्योंकि कुल नैचुरल गैस का 26 फीसदी सिर्फ फर्टलाइजर कंपनियों के पास जाता है. इन सबको लेकर देखना होगा कि 1 अप्रैल को गैस की कीमतें कितनी बढ़ती हैं. लेकिन हो सकता है सरकार एक साथ कीमतों में इजाफा न करे, थोड़ी कीमतें अभी बढ़ाए और थोड़ी अप्रैल में जाकर. गैस की कीमतों में बढ़ोतरी का असर हर सेगमेंट में समान रूप से होगा. जैसे एलपीजी, पीएनजी और सीएनजी की कीमतों में इजाफा होगा.

गैस की कीमतें बढ़ने पर क्या करें

शरद अवस्थी ने बताया कि गैस की कीमतों में यह वृद्धि 3-6 महीनों में शांत हो जाएगी. यूरोप मार्केट में खासकर इसका असर होगा, यूएस में गैस की कीमतों में ज्यादा तेजी आई भी नहीं है, सर्दियों के बाद वैसे भी वहां गैस की डिमांड कम हो जाएगी. घरेलू बाजारों की बात करें तो, IGL और MGL के शेयरों में करेक्शन आ गई है.लेकिन शायद मैनेजमेंट के पास अभी इलेक्ट्रिक व्हीकल को लेकर कोई क्लियर स्ट्रेटजी नहीं है, इसलिए ईवी को लेकर उन्हें बहुत ज्यादा ग्रोथ हासिल नहीं होगा. लेकिन अस्थाई तौर पर IGL और MGL पर एक्शन देखा जा सकता है.