LIC IPO Update: यूक्रेन संकट के बीच एलआईसी के आईपीओ को टाल सकती है सरकार, विशेषज्ञों ने बताई यह वजह
LIC IPO Update news in hindi: रूस-यूक्रेन संकट के बीच एलआईसी के आईपीओ आने में देरी की उम्मीद जताई जा रही है.
LIC IPO Update news in hindi: एलआईसी के आईपीओ का इंतजार हर कोई लंबे समय से कर रहा है. अगर आप भी आईपीओ मार्केट (IPO Market) में पैसा लगाने के लिए एलआईसी का इंतजार कर रहे हैं तो यह इंतजार और लंबा हो सकता है. दरअसल, रूस-यूक्रेन संकट के बीच एलआईसी के आईपीओ आने में देरी की उम्मीद जताई जा रही है.
न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक बाजार विशेषज्ञों ने कहा कि रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच सरकार एलआईसी की प्रारंभिक सार्वजनिक पेशकश (आईपीओ) को अगले वित्त वर्ष के लिए टाल सकती है, क्योंकि मौजूदा हालात में निर्गम को लेकर फंड प्रबंधकों की दिलचस्पी कम हुई है. सरकार इसी महीने जीवन बीमा निगम (एलआईसी) में पांच फीसदी हिस्सेदारी बेचने पर विचार कर रही थी, जिससे सरकारी खजाने को लगभग 60,000 करोड़ रुपये मिलने का अनुमान था. इस आईपीओ से चालू वित्त वर्ष के लिए 78,000 करोड़ रुपये के विनिवेश लक्ष्य को पूरा करने में मदद मिलने की भी उम्मीद थी.
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अरिजीत मालाकार ने कही यह बात
आशिका समूह के खुदरा इक्विटी शोध प्रमुख अरिजीत मालाकार ने कहा कि रूस और यूक्रेन के बीच जारी संघर्ष के चलते मौजूदा भू-राजनीतिक परिदृश्य वैश्विक इक्विटी बाजारों पर दबाव डाल रहा है. भारतीय बाजारों ने भी इस पर नकारात्मक प्रतिक्रिया व्यक्त की है और अब तक अपने उच्चतम स्तर से लगभग 11 प्रतिशत टूट चुका है.
बाजार की मौजूदा अस्थिरता LIC IPO के लिए सही नहीं
उन्होंने कहा कि ऐसे में बाजार की मौजूदा अस्थिरता एलआईसी के आईपीओ के लिए अनुकूल नहीं है और सरकार इस निर्गम को अगले वित्त वर्ष के लिए टाल सकती है. रिसर्च इक्विटीमास्टर की सह-प्रमुख तनुश्री बनर्जी ने कहा कि बाजार की कमजोर धारणा एलआईसी आईपीओ के लिए निराशाजनक है. ऐसे में इस आईपीओ के स्थगित होने की आशंका है.
आईपीओ को कुछ महीनों के लिए जा सकता है टाला
अपसाइड एआई के सह-संस्थापक अतनु अग्रवाल ने कहा कि व्यापक अनिश्चितता की स्थिति में उभरते बाजारों में हमेशा बिकवाली देखने को मिलती है। इसका मतलब है कि घरेलू बाजारों में नकदी कम हो रही है. ट्रेडस्मार्ट के अध्यक्ष विजय सिंघानिया ने कहा कि मौजूदा हालात को देखते हुए सरकार के लिए आईपीओ को कुछ महीनों के लिए टालना कोई बड़ी बात नहीं है. हालांकि इससे वित्त वर्ष 2021-22 के बजट आंकड़े कुछ बिगड़ जाएंगे.