लगातार आसमान छू रही प्याज की कीमतों पर लगाम लगाने के लिए सरकार आगे आई है. केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री राम विलास पासवान ने प्याज की कालाबाजारी और जमाखोरी के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की चेतावनी दी. उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में पिछले दिनों आई बाढ़ के कारण प्याज की सप्लाई प्रभावित हुई है, लेकिन स्टॉक की कमी नहीं है.

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केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सरकारी एजेंसियों के स्टॉक में 35,000 टन प्याज पड़ा हुआ है और सरकार सस्ते दरों पर प्याज मुहैया करवाने की दिशा में कदम उठा रही है. उन्होंने बताया कि बीते सीजन में सरकारी एजेंसियों ने 50,000 टन प्याज खरीद कर बफर स्टॉक बनाया था.

राज्य सरकारों से कहा गया है कि वे केंद्रीय बफर स्टॉक से अपना स्टॉक उठाकर अपने राज्यों में आपूर्ति को बढ़ाएं. अभी तक दिल्ली, त्रिपुरा और आंध्र प्रदेश जैसे कुछ राज्यों ने इस बारे में रुचि दिखाई है. दिल्ली में हर दिन करीब 200 टन प्याज बाजार में उतारा जा रहा है.

उधर, नैफेड के स्टॉक से सरकार ने प्याज खुले बाजार में बेचने की गति तेज कर दी है. नैफेड 24 रुपये प्रति किलो के भाव पर प्याज मुहैया करवा रहा है. जबकि मदर डेयरी के सफल स्टोर राष्ट्रीय राजधानी में 23.90 रुपये प्रति किलो के हिसाब से प्याज बेच रहे हैं.

गौरतलब है कि बीते सप्ताह दिल्ली में प्याज का थोक भाव 50 रुपये प्रति किलो से ऊपर चला गया था जब देश की राजधानी में प्याज का खुदरा भाव 70-75 रुपये प्रति किलो हो गया था. 

स्टॉक की सीमा तय करेगी सरकार

रामविलास पासवान ने कहा कि अगर प्याज की खुदरा कीमतें अधिक बनी रहीं तो केंद्र सरकार प्याज व्यापारियों पर इसके स्टॉक रखने की सीमा तय करने के बारे में विचार करेगी. उन्होंने कहा कि सरकार बफर स्टॉक खत्म हो जाने पर व्यापारियों पर स्टॉक सीमा लगाने के बारे में सोचेगी. हम जमाखोरों और कालाबाजारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई भी करेंगे.

कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने आश्वस्त किया है कि अगले कुछ दिनों में प्याज की कीमतें कम होना शुरु हो जायेंगी क्योंकि नैफेड जैसी एजेंसी के माध्यम से घरेलू बाजार में आपूर्ति की स्थिति में सुधार लाया जा रहा है.