मोदी सरकार का नारियल किसानों को तोहफा, MSP में किया इजाफा
भारत दुनिया में खोपरा के उत्पादन और उत्पादकता में पहले स्थान पर है. देश में नारियल का उत्पादन करीब 1.5 करोड़ टन है.
किसानों की आमदनी (Farmers' Income) बढ़ाने के लोकर मोदी सरकार (Modi Government) तमाम कोशिशें कर रही है. सरकार साल 2022 तक किसानों की आमदनी बढ़ाकर दोगुनी करने का टारगेट तय किया है. इस कड़ी में सरकार ने विभिन्न प्रकार की नारियल गरी के न्यूनतम समर्थन मूल्य में 380 रुपये से लेकर 439 रुपये क्विंटल तक वृद्धि को मंजूरी दे दी. मिलिंग नारियल का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 439 रुपये प्रति क्विंटल जबकि सूखे नारियल (copra) का एमएसपी 380 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ाया गया है.
इस बढ़ोतरी के बाद मिलिंग खोपरा (copra MSP) का 2020 के लिये न्यूनतम समर्थन मूल्य 9,960 रुपये प्रति क्विंटल जबकि सूखा नारियल गोला का मूल्य 10,300 रुपये प्रति क्विंटल होगा.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति की बैठक में नारियल गरी के एमएसपी बढ़ाने को मंजूरी दी गयी.
सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने इसकी जानकारी देते हुये कहा कि भारत दुनिया में खोपरा के उत्पादन और उत्पादकता में पहले स्थान पर है. देश में नारियल का उत्पादन करीब 1.5 करोड़ टन है. इसकी खेती 20 लाख हैक्टेयर क्षेत्र में 30 लाख किसान करते हैं.
कृषि लागत एवं मूल्य आयोग (सीएसीपी) की सिफारिशों के आधार पर अच्छी औसत गुणवत्ता (एफएक्यू) के मीलिंग खोपरा का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2020 सीजन के लिए बढ़ाकर 9,960 रूपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है, जबकि 2019 में इसका न्यूनतम समर्थन मूल्य 9,521 रुपये प्रति क्विंटल था.
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वहीं सूखे नारियल गोला का समर्थन मूल्य 2020 सीजन के लिए बढ़ाकर 10,300 रूपये प्रति क्विंटल किया गया, जबकि 2019 में यह 9,920 रूपये प्रति क्विंटल था.
आधिकारिक बयान के अनुसार इससे उत्पादन की अखिल भारतीय भारित औसत लागत के मुकाबले मीलिंग खोपरा के लिए 50 प्रतिशत और गरी नारियल के लिए 55 प्रतिशत का लाभ सुनिश्चित होगा.
खोपरा के न्यूनतम समर्थन मूल्यों में यह बढ़ोतरी उत्पादन की अखिल भारतीय भारित औसत लागत से कम- से- कम डेढ़ गुणा स्तर पर न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारित करने की सरकार की घोषणा के अनुरूप है.