सीधे विदेश में लिस्टिंग को लेकर नियम पर विचार कर रही सरकार, अभी पहले भारतीय बाजार में लिस्टिंग जरूरी
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 28 जुलाई को कहा था कि सरकार ने घरेलू कंपनियों को वैश्विक बाजारों से पूंजी जुटाने के लिए विदेश में लिस्डेट होने की मंजूरी देने का फैसला किया है. देश की कंपनियों को विदेशी शेयर बाजारों तक पहुंच बनाने के लिए भी कोशिश की जा रही है.
मोदी सरकार की ओर से देश की कंपनियों को विदेशी शेयर बाजारों तक पहुंच बनाने के लिए भी कोशिश की जा रही है. कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय घरेलू कंपनियों को सीधे विदेशी शेयर बाजारों में लिस्डेट होने से संबंधित नियम बनाने के लिए पात्रता शर्तों समेत विभिन्न पहलुओं पर विचार कर रहा है. एक वरिष्ठ अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी.
फिलहाल घरेलू बाजार में लिस्टेड कंपनियां ही विदेशी बाजार में लिस्डेट हो सकती हैं. इस लिस्डेटता को अमेरिकन डिपॉजिटरी रिसीट्स (HDR) और ग्लोबल डिपॉजिटरी रिसीट्स (GDR) के जरिये अंजाम दिया जाता है. अधिकारी ने कहा कि मंत्रालय कंपनियों की विदेशी लिस्टिंग से संबंधित नियमों को अंतिम रूप देने के लिए वित्त मंत्रालय के साथ अन्य संबंधित पक्षों के भी संपर्क में है.
घरेलू बाजार में लिस्डेट कंपनियां
अधिकारी के मुताबिक, विदेशी बाजारों में लिस्टिंग की मंजूरी देने के लिए कंपनियों की पात्रता शर्तों एवं अन्य पहलुओं पर चर्चा की जा रही है. इस बिंदु पर भी विचार किया जा रहा है कि क्या घरेलू बाजार में लिस्डेट कंपनियों के साथ गैर-लिस्डेट कंपनियों को भी विदेश में लिस्डेट होने की मंजूरी दी जा सकती है.
वित्त मंत्री का फैसला
हालांकि विदेश में सीधी लिस्टिंग की मंजूरी देने के लिए कंपनी अधिनियम, 2013 के विदेशी लिस्टिंग प्रावधान में संशोधन करना होगा. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 28 जुलाई को कहा था कि सरकार ने घरेलू कंपनियों को वैश्विक बाजारों से पूंजी जुटाने के लिए विदेश में लिस्डेट होने की मंजूरी देने का फैसला किया है. सरकार ने मई, 2020 में कोविड महामारी से राहत के लिए पैकेज की घोषणा करते समय इस कदम की जानकारी दी थी.
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