Social Stock Exchange: सरकार ने सोशल स्‍टॉक एक्‍सचेंज के फ्रेमवर्क को मंजूरी दे दी है. फ्रेमवर्क में यह बताया गया है कि इस एक्‍सचेंज के जरिए कौन पैसे जुटा सकता है और कहां इसका इस्‍तेमाल होगा. सरकार की ओर से इस बारे में नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया है. वित्‍त मंत्री ने 2019 के बजट में सोशल स्‍टॉक एक्‍सचेंज लाने का एलान किया था.

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सरकार की ओर से जारी नोटिफिकेशन के मुताबिक, नॉन प्रॉफिट संगठन सामाजिक कार्य के लिए बाजार से पैसे जुटा पाएंगे. अगर आसान शब्दों में कहें सामाजिक क्षेत्र में काम करने वाले संगठन (एनजीओ) के पास अब पैसे जुटाने के लिए शेयर बाजार भी एक ऑप्‍शन है. इसका मतलब कि अब प्राइवेट फर्म की तरह एनजीओ भी खुद को शेयर बाजार में लिस्टेड करा सकेंगे और यहां से पैसे जुटा पाएंगे.

आम निवेशकों को होगा फायदा!

वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट भाषण में कहा था कि सोशल स्टॉक एक्सचेंज से देश के सभी नागरिकों को फायदा मिलेगा. एक इलेक्ट्रॉनिक फंड रेजिंग प्लेटफॉर्म बनाने की योजना है, जिससे समाज की भलाई के लिए काम करने वाले संगठनों को लिस्टेड करने और फंड जुटाने में मदद की जाएगी. इसका मतलब ये हुआ कि अब NGO के शेयरों को आम आदमी/ निवेशक में खरीद-बिक्रकी कर सकेगा. ये एक तरह से शेयर बाजार की तरह ही काम करेगा.

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इन देशों में चल रहे हैं सोशल स्टॉक एक्सचेंज

दुनिया में इस समय यूरोप और उत्तर-दक्षिण अमेरिकी देशों में सोशल स्टॉक एक्सचेंज चल रहे हैं. सोशल स्टॉक एक्सचेंज NGO को शेयर, डेट और म्यूचुअल फंड के जरिए फंड जुटाने की मंजूरी देगा. इस तरह के स्टॉक एक्सचेंज यूके, कनाडा, सिंगापुर, दक्षिण अफ्रीका, ब्राजील, जमैका और केन्या में पहले से हैं.