सोना फिर बन सकता है निवेशकों की पहली पसंद, ये 2 वजहें बना रही विश्वसनीय प्रोडक्ट
अमेरिका और चीन के बीच व्यापारिक तनाव (Trade War) और ब्रेक्सिट (Brexit) पर अनिश्चतता के बादल के साथ-साथ वैश्विक अर्थव्यवस्था में सुस्ती के संकेत से सुरक्षित निवेश के प्रति निवेशकों का रुझान बना रह सकता है.
अमेरिका और चीन के बीच व्यापारिक तनाव (Trade War) और ब्रेक्सिट (Brexit) पर अनिश्चतता के बादल के साथ-साथ वैश्विक अर्थव्यवस्था में सुस्ती के संकेत से सुरक्षित निवेश के प्रति निवेशकों का रुझान बना रह सकता है. ऐसे में सोना सुरक्षित निवेश का एक परंपरागत साधन है. बाजार के जानकार बताते हैं कि आगामी शादी के सीजन में देश में सोने की मांग में तेजी बनी रहेगी.
कार्वी कमोडिटीज के विनोद जयकुमार ने कहा, "अंतराष्ट्रीय मुद्रा कोष द्वारा वैश्विक अर्थव्यवस्था के विकास दर अनुमान को हाल में 3.7 फीसदी से घटाकर 3.5 फीसदी किए जाने से पीली धातु और अन्य जोखिम वाली निवेश परिसंपत्तियों में निवेशकों का रुझान बना रहेगा. साथ ही, शादी का सीजन शुरू होने से हाजिर मांग बढ़ेगी."
एजेंल ब्रोकिंग के प्रथमेश माल्या ने बताया कि भारत में आमतौर पर सोने की मांग खपत के लिए होती है न कि रिटर्न के लिए. दरअसल, भारत में सोने की जेवराती मांग ज्यादा है और निवेश मांग कम रहती है. इस साल सोने में जोरदार तेजी देखने को मिली है, जिसका कारण वैश्विक अर्थव्यवस्था में सुस्ती रही है.
एसएमसी ग्लोबल सिक्योरिटीज की वंदना भारती ने कहा, "सोने की कीमतों में पहले से ही तेजी बनी हुई है और आगे मजबूती के रुझान से कीमतों को सपोर्ट मिलेगा." बाजार विश्लेषकों के अनुसार, सोने में तेजी का प्रमुख कारण अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व का नरम रुख है.
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अंतरराष्ट्रीय वायदा बाजार कॉमेक्स पर सोने का जून अनुबंध शुक्रवार को पिछले सत्र के मुकाबले 0.03 फीसदी की तेजी के साथ 1,293.65 डॉलर प्रति औंस बंद हुआ.