Gold Investment on Diwali: इस दिवाली पर गोल्‍ड में निवेश का सही मौका बन रहा है. कोविड19 प्रतिबंधों में राहत मिलने और इकोनॉमी में आ रही रिकवरी का असर सोने की डिमांड पर देखा जा रहा है. देश में जुलाई-सितंबर 2021 तिमाही के दौरान सोने की कुल डिमांड (Gold Demand) के साथ-साथ ज्‍वैलरी मांग में भी जोरदार तेजी आई है. इस दौरान सोने का इम्‍पोर्ट (Gold import) करीब 740 टन का हुआ. ब्रोकरेज हाउस मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज (Motilal Oswal Financial Services) का कहना है कि मौजूदा हालात में निवेशकों के लिए गोल्‍ड में निवेश का मौका है. अगले 12 महीने में सोने की कीमतें 52,000-53,000 रुपये प्रति दस ग्राम पहुंचने की उम्मीद है. इस तरह, मौजूदा भाव से निवेशकों को अगली तिमाही तक हर 10 ग्राम पर करीब 5,000 रुपये से ज्‍यादा का फायदा हो सकता है. 

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मोतीलाल ओसवाल की रिपोर्ट के मुताबिक, पिछली दिवाली से इस दिवाली तक सर्राफा (बुलियंस) की कीमतें कंसॉलिडेट होती रही हैं और पिछले कुछ महीनों में अमेरिकी डॉलर और बॉन्ड यील्ड में वॉलेटिलिटी के बीच कुछ उतार-चढ़ाव देखा है. साल की पहली छमाही के लिए, उम्मीद से बेहतर इकोनॉमिक डेटा और फेड के बेहतर आउटलुक की बदौलत ज्‍यादातार बाजारों पार्टिसिपेंट्स को मजबूती मिली. हालांकि, दूसरी छमाही में कमजोर डेटा सेट और फेड के आउटलुक में बदलाव देखा गया है, जो सोने की कीमतों में फिर से तेजी शुरू हो सकती है. 

गोल्‍ड के दाम 2020 में 25% बढ़े

रिपोर्ट के मुताबिक, 2019 और 2020 पर नजर डालें तो सोने की कीमतों में अच्छा उछाल देखा गया है. 2019 में सोने की कीमतों में 52 फीसदी और 2020 में करीब 25 फीसदी की तेजी आई है. हालांकि, 2021 में कुछ गिरावट भी देखने को मिली. अभी कीमतें 47,000 रुपये से 49,000 रुपये के बीच ट्रेड हो रहा है. भारत में सोने की मांग 2020 में महामारी के दौरान देखे गए लो लेवल से तेजी से उछली है. 

2020 की दिवाली से उलट इस साल कोरोना प्रतिबंधों में काफी ढील है, दुकानें खुली हैं, और इस साल कुल मांग में इजाफा हुआ है. इसके चलते इम्‍पोर्ट भी बढ़ा है. वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के आंकड़ों के मुताबिक, गोल्‍ड इम्‍पोर्ट सितंबर तक करीब 740 टन रहा है. पिछले कुछ महीनों में रिस्‍की एसेट्स में भारी उछाल देखा गया है और इसने अच्छा रिटर्न भी दिया है. इस ट्रेंड में कोई भी बदलाव या मोमेंटम कमजोर पड़ने से सेफ इन्‍वेस्‍टमेंट खासकर गोल्ड में बड़ा उछाल आ सकता है.

ग्‍लोबल फैक्‍टर भी रहेंगे हावी 

रिपोर्ट के मुताबिक, चीन के एवरग्रांडे के बारे में बढ़ती अनिश्चितता, पावर क्राइसिस, अमेरिका-चीन के बीच ट्रेड डायलॉग, कोविड-19 और डेल्टा वेरिएंट के बढ़ते मामलों, डेट में इजाफा और कुछ अन्य ऐसे फैक्‍टर सोने की कीमतों को सपोर्ट दे सकते हैं. फेड की अगली बैठक में बड़े पैमाने पर बॉन्ड खरीद प्रोग्राम में कटौती की उम्मीदें बढ़ रही है, जिसे फेड ने कोविड की वजह से पैदा हुए आर्थिक संकट के दौरान अमेरिकी इकोनॉमी को प्रोटेक्‍ट करने के लिए शुरू किया था. हालांकि बाजार इसके लिए अच्छी तरह से तैयार है. कुछ छोटे-बड़े और फैक्‍टर सोने में एक और खरीदारी का मौका दे सकते हैं.

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COMEX पर नया रिकॉर्ड बना सकता है गोल्‍ड 

मोतीलाल ओसवाल का कहना है कि अगले 12 महीनों में सोने की कीमतों को लेकर तेजी आने की उम्‍मीद है. मौजूदा हालात में शॉर्ट टर्म के लिए कुछ उतार-चढ़ाव आ सकता है, जिससे निवेशकों को खरीदारी का बेहतर मौका रहेगा. ब्रोकरेज हाउस का मानना है कि गोल्‍ड एक बार फिर से 2,000 डॉलर तक बढ़ने की क्षमता रखता है. Comex पर गोल्‍ड एक नया लाइफटाइम हाई भी बना सकता है. घरेलू बाजार में अगले 12 महीनों में कीमतें 52,000-53,000 रुपये के लेवल तक जा सकती हैं.

मल्‍टी कमोडिटी एक्‍सचेंज (MCX) पर 29 अक्‍टूबर 2021 को गोल्‍ड के भाव 0.74 फीसदी की गिरावट के साथ 48,000 रुपये से नीचे 47607 रुपये प्रति दस ग्राम पर बंद हुए थे. इस तरह, अगली दिवाली तक निवेशकों को प्रति दस ग्राम करीब 5,000 रुपये का फायदा हो सकता है. 

गोल्‍ड डिमांड 47% बढ़ी

वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल (WGC) के हालिया आंकड़ों के मुताबिक, सितंबर 2021 को समाप्त तिमाही के लिए सोने की डिमांड सालाना आधार पर 47 फीसदी बढ़कर 139.1 टन हो गई, जबकि एक साल पहले यह 94.6 टन थी. जुलाई-सितंबर 2021 की अवधि के दौरान भारत में ज्‍वैलरी डिमांड में भी सालाना आधार पर 58 फीसदी उछलकर  96.2 टन पहुंच गई.