सोने की कीमतों (gold price) में तेजी के चलते अप्रैल-अक्टूबर तिमाही के दौरान सोने के आयात (Gold Import) में 09 फीसदी तक की कमी आई है. सोने का आयात इस दौरान 1.25 लाख करोड़ रुपये (17.63 अरब डॉलर) रहा. वाणिज्य मंत्रालय की ओर से जारी किए गए आंकड़े के मुताबिक सोने का आयात 2018-19 में 19.4 अरब डॉलर का रहा.

सरकार को मिली राहत
हालांकि सोने के आयात में कमी से सरकार को बड़ी राहत मिली है. सोने (Gold) के आयात का असर चालू खाते के घाटे पर पड़ता है. सोने के आयात में कमी से वित्त वर्ष 2019-20 में अप्रैल-अक्टूबर तिमाही के दौरान व्यापार घाटा 94.72 अरब डॉलर रहा. पिछले साल की इसी तिमाही में व्यापार घाटा 116.15 अरब डॉलर था. इस साल जुलाई से ही  सोने के आयात में लगातार कमी देखी जा रही है. हालांकि अक्टूबर में सोने के आयात में बढ़त देखी गई. इस महीने आयात लगभग 5 फीसदी बढ़कर 1.84 अरब डॉलर रहा.
 
सोने का बड़ा आयातक है भारत
भारत दुनिया कें सबसे बड़ा सोने का आयातक देख है. भारत में बड़े पैमाने पर सोने का आयात आभूषण उद्योग की जरूरतों को पूरा करने के लीए किया जाता है. अगर मात्रा के हिसाब से देखें तो देश में सोने का सालाना आयात लगभग 800 से 900 टन होता है.
 
सोने का आयात घटाने को सरकार ने उठाए कदम
केंद्र सरकार पे अपना व्यापार घाटा और चालू खाते का घाटा कम करने के लिए सोने के आयात पर लगाम लगाने का प्रयास किया. इसके तहत सरकार ने सोने पर आयात शुल्क बढ़ाया. इस साल के बजट में सोने के आयात पर लगने वाले शुल्क को 10 फीसदी से बढ़ा कर 12.5 फिसदी कर दिया गया.
 
आभूषण निर्माताओं ने की ये मांग
सरकार भले ही सोने के आयात पर लगाम लगाने का प्रयास कर रही हो पर आभूषण निर्माता और ज्वैलर्स सोने पर आयात शुल्क को कम करने की मांग कर रहे हैं. रत्न एवं आभूषण निर्यात संवर्द्धन परिषद (GJEPC) ने भी आयात शुल्क घटाने की मांग सरकार के सामाने रखी है. सोने पर आयात शुल्क लगने का असर निर्यात पर भी पड़ रहा है.  चालू वित्त वर्ष में रत्न एवं आभूषण निर्यात अप्रैल-अक्टूबर तिमाही में लगभग 2 फीसदी घटकर 18.3 अरब डॉलर रहा. देश में सोने का आयात पिछले वित्त वर्ष 2018-19 में करीब 3 फीसदी घटकर 32.8 अरब डॉलर रहा.