देश में त्योहारी सीजन की शुरुआत होने वाली है, ऐसे में सोने-चांदी की कीमतें फिर से तेज हो चुकी हैं. कच्चे तेल की क़ीमतों में ज़ोरदार तेज़ी देखने को मिली है. इसका सीधा असर सोने-चांदी की क़ीमतों पर पड़ा है. सऊदी अरब की कंपनी सऊदी अरामको पर ड्रोन हमले के बाद प्रोडक्शन में कटौती से क्रूड ऑयल के दाम उछले हैं. सुरक्षित निवेश के तौर पर सोने की चमक लगातार बढ़ रही है. क्या सोने में निवेश करने का सही समय है? क्या त्योहारी सीज़न में सोने की क़ीमतों में बढ़ोतरी देखने को मिलेगी?

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क्‍या है संभावना

सोना 39,500-40,000 रुपए/10 ग्राम और चांदी 50,000-52,000 रुपए/किलो

अक्‍टूबर में चढ़ेंगे दाम

केडिया कमोडिटी के अजय केडिया कहते हैं कि विदेशी बाज़ार में फिलहाल सोने का भाव $1500/औंस डॉलर प्रति औंस के करीब है और अक्टूबर तक दाम $1540/औंस तक जा सकते हैं यानी घरेलू बाज़ार में सोने की क़ीमत 40,000 रुपए/10 ग्राम तक जा सकती है. विदेशी बाज़ार में चांदी की क़ीमत $17.83/औंस है और आने वाले समय में आंकड़ां $19.25/औंस तक जा सकता है यान चांदी का भाव 52,000 रुपए/किलो तक जाने की उम्मीद है.

पितृ पक्ष के बाद बढ़ेगी डिमांड

एंजेल कमोडिटीज़ के अनुज गुप्ता ने बताया कि सोने-चांदी की क़ीमतों में उछाल की वजह अमेरिका, ईरान और चीन के बीच जारी तनाव तो है लेकिन पितृ-पक्ष के बाद हाजिर बाज़ारों में भी डिमांड निकलनी शुरु हो जाएगी. हालांकि, रेट्स ज़्यादा होने की वजह से डिमांड ज़्यादा नहीं रहेगी लेकिन मार्केट के सेंटीमेंट्स में हल्का बदलाव ज़रूर आएगा.

दिवाली तक विदेशी बाज़ार में सोने का दाम $1530/औंस और घरेलू बाज़ार में दाम 39,500-40,000 रुपए/10 ग्राम तक पहुंच सकते हैं. वहीं, चांदी का भाव $18.50-19/औंस और घरेलू बाज़ार में चांदी का दाम 49000-50,000 रुपए/किलो तक जा सकता है. विदेशी बाज़ार में क्रूड का दाम $72/बैरल तक जाने की संभावना है.  

सोने की कीमत तय करेगी डिमांड की दिशा

द बुलियन ज्वैलरी एसोसिएशन के प्रेसीडेंट योगेश सिंघल का कहना है कि पिछले काफी समय से ज्वेलरी सेक्टर का काफी बुरा हाल है और ऐसे में रुपये की कमज़ोरी और दाम बढ़ने से डिमांड पर बुरा असर पड़ रहा है. भारत के लोग सोने के रेट्स के प्रति काफी सजग रहते हैं और क़ीमतें बढ़ने की वजह से परचेजिंग पॉवर काफी कम हो रही है. दूसरी तरफ, ज़्यादतर सेक्टर में ग्रोथ कम होने की वजह से भी सोने-चांदी की ख़रीद पर असर पड़ रहा है. उम्मीद है कि नवरात्र के दौरान मांग निकलेगी लेकिन अगर क़ीमतों में यहां से और उछाल आता है तो ज़्यादा डिमांड निकलने की संभावना काफी कम है.