अमेरिका और ईरान के बीच टकराव से खाड़ी क्षेत्र में गहराते तनाव के कारण सोने के दाम में जोरदार उछाल आया है. भारत में सोने का भाव सोमवार को 41,000 रुपए प्रति 10 ग्राम के मनोवैज्ञानिक स्तर को पार कर गया है. अंतर्राष्ट्रीय बाजार में भी सोना करीब साढ़े छह साल के बाद के ऊंचे स्तर पर चला गया है. स्पॉट में गोल्ड का दाम 2 फीसदी से ज्यादा चढ़कर $1,587 प्रति औंस पर पहुंच गया है. 2013 के बाद सोने का यह सबसे ऊंचा लेवल है. अमेरिकी-ईरान में तनाव की वजह से सोने की कीमतों को सपोर्ट मिला है.

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IANS की खबर के मुताबिक, भारतीय वायदा बाजार मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) पर सोने का भाव 41,096 रुपए प्रति 10 ग्राम तक उछला है. सोने का सबसे सक्रिय अनुबंध फरवरी एक्सपायरी अनुबंध पिछले सत्र से 2.28 फीसदी की तेजी के साथ 916 रुपए चढ़कर 41,028 रुपए प्रति 10 ग्राम पर पहुंचा है.

अंतर्राष्ट्रीय बाजार में भी सोना तेज

अंतर्राष्ट्रीय बाजार में सोना 1.73 फीसदी की तेजी के साथ 26.85 डॉलर चढ़कर 1,579.25 डॉलर प्रति औंस पर कारोबार कर रहा है. वहीं, सोने का भाव कॉमेक्स पर 1,588.65 डॉलर प्रति औंस तक उछला है, जो तीन सितंबर 2013 के बाद का सबसे ऊंचा स्तर है. 2013 में सोना 1,592 डॉलर प्रति औंस तक पहुंचा था. 

इराक पर भी प्रतिबंध की चेतावनी

अमेरिका और ईरान के बीच टकराव से मिडिल ईस्ट में पैदा हुए तनाव के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति ने इराक पर प्रतिबंध लगाने की चेतावनी दी है. इससे खाड़ी क्षेत्र में संकट गहराता जा रहा है, इससे अनिश्चितता की स्थिति बनी हुई है. लिहाजा, सुरक्षित निवेश के तौर पर निवेशकों का रुझान सोने की तरफ बढ़ा है. यही वजह है कि सोने के भाव में तेजी देखने को मिली है.

मिडिल ईस्ट में तनाव

बता दें, पिछले हफ्ते अमेरिका ने इराक में ड्रोन हमला करके ईरान के जनरल कासिम सुलेमानी को मार दिया था. इसके बाद से बढ़ते तनाव के चलते ग्लोबल फाइनेंशियल मार्केट में भी अस्थिरता दिखी है. ईरान ने ऐलान किया है कि वह अब 2015 के परमाणु समझौते में लगाए गए किसी भी सीमा का पालन नहीं करेगा. ईरान का यह बयान एक सैन्य संघर्ष की आशंकाओं को जन्म देता है. इसके अलावा, इराक की संसद ने अपने नेताओं से अमेरिकी नेतृत्व वाली गठबंधन सेना को देश से बाहर निकालने का आग्रह किया.

रुपये के कमजोर होने से बढ़े दाम

सोने के भाव में आई तेजी को डॉलर के मुकाबले कमजोर होते रुपये का भी सपोर्ट मिला है. क्योंकि, भारत सोने का सबसे बड़ा आयातक देश है. डॉलर के मुकाबले रुपया सोमवार को 72 के स्तर के नीचे फिसल गया है. पिछली क्लोजिंग के मुकाबले रुपये में करीब 21 पैसे की कमजोरी है. 

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अब आगे क्या?

कोटक सिक्योरिटीज के कमोडिटी रिसर्च डिपार्टमेंट के हेड और वाइस प्रेसिडेंट रविंद्र राव के मुताबिक, आगे की स्थिति के लिए मीडिल ईस्ट के तनाव पर भी निवेशकों की नजर रहेगी. साथ ही निवेशक ग्लोबल सेंटिमेंट पर भी फोकस कर रहे हैं. अगर तनाव बढ़ता है तो ये फाइनेंशियल मार्केट, इक्विटी मार्केट और कमोडिटी मार्केट पर असर डालेगा. हालांकि, इससे सोने में निवेश के विकल्प को मजबूती मिलेगी. साथ ही क्रूड के दाम में भी तेजी का अनुमान है. लेकिन, खाड़ी देशों से सप्लाई में कुछ कमी आ सकती है. मिडिल ईस्ट देशों से करीब दुनिया का आधा तेल उत्पादन होता है. वहीं, इराक ओपेक देशों के संगठन में दूसरा सबसे बड़ा तेल उत्पादक देश है. 

इस बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रविवार को एक और ट्वीट करके और तनाव बढ़ा दिया है. ट्रंप ने कहा है कि ईरान ने हम पर हमला किया और हमने बदला लिया. अगर ईरान दोबारा हमला करता है, जो कि सलाह है न करे तो अबकी बार हम ऐसा हमला करेंगे जैसा पहला कभी ईरान ने नहीं देखा होगा.