इस दिवाली खरीदें सोना, हर 10 ग्राम पर हो सकता है लगभग ₹5,000 का फायदा, जानें क्या है Gold Outlook
Gold Price Outlook: मोतीलाल ओसवाल की रिपोर्ट में कहा गया है कि हाल के भूराजनीतिक तनाव और मौजूदा मौद्रिक नीति ने सोने की कीमत को मजबूत समर्थन दिया है. ऐसे में सोने की कीमतें आने वाले समय में 63,000 रुपये प्रति 10 ग्राम तक पहुंच सकती हैं.
Gold Price Outlook: अंतरराष्ट्रीय बाजार में पिछले कुछ सत्रों में सोने में गिरावट दर्ज हुई है, हालांकि, ये अभी भी 2,000 डॉलर के आसपास चल रहा है. वैसे आने वाले वक्त में सर्राफा बाजार में सोना महंगा होने वाला है. सर्राफा बाजर में 22 कैरेट सोना अभी 56,000-57000 रुपये के आसपास चल रहा है. वहीं 24 कैरेट सोना 61,000 के करीब चल रहा है.
63,000 रुपये तक जा सकती है कीमत
अभी मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज को लगता है कि सोने की कीमतें आने वाले समय में 63,000 रुपये प्रति 10 ग्राम तक पहुंच जाएंगी. इजराइल-हमास युद्ध के चलते अनिश्चितताओं के माहौल में सुरक्षित निवेश की मांग जोर पकड़ रही है. एक और कारण ये है कि दुनिया भर के बैंक ब्याज दरों को बरकरार रखे हुए हैं.
सोने के लिए कैसा दिख रहा है आउटलुक?
इस साल, सोने के भाव में उतार-चढ़ाव देखा गया, जिससे तेजी और मंदी दोनों देखने को मिला. प्रमुख केंद्रीय बैंकों द्वारा आक्रामक दर बढ़ोतरी ने कुछ समय के लिए सर्राफा की चमक को फीका कर दिया था. मोतीलाल ओसवाल की रिपोर्ट में कहा गया है कि हाल के भूराजनीतिक तनाव और मौजूदा मौद्रिक नीति ने सोने की कीमत को मजबूत समर्थन दिया है. निश्चित रूप से कीमती धातु के लिए कुछ विपरीत परिस्थितियां हैं जैसे सॉफ्ट लैंडिंग की उम्मीदें, दरों में आगे बढ़ोतरी, भू-राजनीतिक तनाव में कमी. हालांकि, रिपोर्ट में कहा गया है कि महामारी से लेकर रूस-यूक्रेन युद्ध और अब इज़राइल-हमास संघर्ष तक जोखिम की कीमत सोने में लगाई जा रही है.
किस वजह से पड़ सकता है असर?
मध्य पूर्व विवाद में नरमी और/या यूएस फेड के सख्त रुख जारी रहने से सोने की कीमत पर असर पड़ सकता है. हालांकि, ये फैक्टर अपेक्षा से अधिक समय तक नकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं जो सोने की कीमत में 63,000 रूपए प्रति 10 ग्राम के लिए प्रेरित कर सकते हैं. केंद्रीय बैंक की नीतियों, भू-राजनीतिक अनिश्चितताओं, हार्ड और सॉफ्ट लैंडिंग के बीच, जोखिम वाली संपत्तियों में अधिक खरीददारी और डॉलर इंडेक्स और यील्ड में अस्थिरता जैसे कुछ प्रमुख बुनियादी बदलावों के चलते, इस साल सोने और चांदी के भाव में तेज उतार-चढ़ाव देखा गया है. अब तक अस्थिरता कुछ ज्यादा ही रही है.
रिपोर्ट बताती है कि इस साल की शुरुआत में सोना 2,070 डॉलर के लगभग सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया था और फिर 1,800 डॉलर के करीब निचले स्तर पर आ गया, और अब वापस 2,000 डॉलर पर फिर से पहुंच गया है.
सोने पर मिला होता 60% रिटर्न
त्योहारी सीजन में सर्राफा की मांग बढ़ जाती है, लेकिन हाल ही में मांग के रुझान में तेज बदलाव देखा गया है, जहां बाजार किसी कारण का इंतजार नहीं करता, और निवेशक जहां भी उचित मौका देखते हैं. निवेश करते हैं. सोने में तेजी के कई कारण हैं जो बार-बार बदलते रहते हैं. लेकिन एक बात तय है - अगर आपने 2019 की दिवाली के दौरान सोने में निवेश किया होता, तो इस दिवाली तक आपको 60 प्रतिशत का रिटर्न मिलता. रिपोर्ट में कहा गया है, 5 और 1 वर्ष की अवधि में एसपीडीआर गोल्ड शेयरों ने क्रमशः 30 प्रतिशत और 10 प्रतिशत की बढ़त दर्ज की है, जबकि समान समय में घरेलू गोल्ड ईटीएफ का औसत लाभ क्रमशः 55 प्रतिशत और 15 प्रतिशत है.
(एजेंसी से इनपुट के साथ)