सोना खरीदने के वालों के लिए यह एक बड़ी खबर है. सोने के दामों (Gold Prices) में बड़ी गिरावट आ सकती है. सरकार ने कहा है कि अब कोई भी ज्वेलरी बिना हॉलमार्क (Hallmark jewellery) के नहीं बिकेगी. इस बारे में अगले साल 15 जनवरी को एक नोटिफिकेशन जारी होगा. यानी 15 जनवरी से बाजार में बिना हॉलमार्क वाले गहने (Gold hallmarking mandatory) की बिक्री पर रोक लग जाएगी. 

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सरकार के इस फरमान से ज्वेलर्स को 15 जनवरी तक अपना वह स्टॉक खत्म करना पड़ेगा, जिस पर हॉलमार्क (Hallmark) का निशान नहीं लगा है. 

केवल 26,000 ज्वेलर्स के पास Hallmark

भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) ने देश के 234 जिलों में हॉलमार्क के लिए 877 केंद्र खोले हुए हैं. अभी तक केवल 26019 ज्वेलर्स ने हॉलमार्क ले रखा है. देशभर में करीब 6 लाख ज्वेलर्स हैं. सोने के गहनों की शुद्धता को लेकर सरकार ने गहनों पर हॉलमार्क के निशान को अनिवार्य कर दिया है. 

15 जनवरी से अनिवार्य होगा Hallmark

केंद्रीय उपभोक्ता मामलों के मंत्री राम विलास पासवान ने आज इसका ऐलान करते हुए कहा कि 15 जनवरी को अधिसूचना जारी होगा. 15 जनवरी से सभी गहनों में हॉलमार्क का निशान जरूरी हो जाएगा.  उन्होंने कहा कि अभी 234 जिलों में ही हॉलमार्क के सेंटर हैं, उनका टारगेट हर जिले में सेंटर खोलना है. 

हॉलमार्क सोने की शुद्धता का पैमाना है और इसके मानक तय करने वाला ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड्स उपभोक्ता मंत्रालय के तहत ही आता है. उसने 14, 18 और 22 कैरेट की ज्वेलरी की हॉलमार्किंग के मानक तय कर रखे हैं. 

हॉलमार्किंग की अनिवार्यता का नोटिफिकेशन पहले दिवाली तक जारी होना था, लेकिन किन्हीं वजहों के चलते इसे टाल दिया गया. केंद्रीय मंत्री का कहना है कि अब हॉलमार्किंग की अनिवार्यता 15 जनवरी, 2020 तय कर दी गई है. 

शुद्धता की गारंटी है हॉलमार्क 

आभूषणों में मिलावट रोकने के लिए हॉलमार्किंग सिस्टम (hallmarking) शुरू किया गया है. हॉलमार्क के आभूषण अंतर्राष्ट्रीय मानक के होते हैं. प्लैटिनम, सोने, चांदी, हीरा आदि के आभूषणों की गुणवत्ता की पहचान के लिए हॉलमार्क के निशान की एक समान व्यावस्था है. इस पर भारत सरकार की गारंटी होती है. हॉलमार्किंग के आभूषण निर्माण लागत अधिक होने के कारण 10 से 15 फीसदी मंहगे होते हैं लेकिन शुद्धता की गारंटी होती है. भारत में सोने के आभषणों पर हॉलमार्किंग की व्यवस्था साल 2000 से और चांदी के आभूषणों पर 2005 से लागू है.

हॉलमार्क से सोने की शुद्धता की पहचान

भारत में आमतौर पर 22 कैरट सोने के आभूषण इस्तेमाल होते हैं. 22 कैरट सोने के आभूषण पर 916 अंक छपा होता है. इसमें 91.6 फीसदी सोना होता है. इसी तरह सोने के गहरों पर अन्य अंकों का अर्थ लगाया जा सकता है, जैसे-

375 का अर्थ 37.5 फीसदी शुद्ध सोना

585 का अर्थ 58.5 फीसदी शुद्ध सोना

750 का अर्थ 75.0 फीसदी शुद्ध सोना

916 का अर्थ 91.6 फीसदी शुद्ध सोना

990 का अर्थ 99.0 फीसदी शुद्ध सोना

999 का अर्थ 99.9 फीसदी शुद्ध सोना

(रिपोर्ट- ब्रह्म प्रकाश दुबे/ नई दिल्ली)