Gold के आयात में भारी गिरावट, देश का बचेगा पैसा, व्यापार घाटा होगा कम
Gold imports: मुख्य रूप से आभूषण इंडस्ट्री की जरूरतों को पूरा करने के लिये सोने का आयात किया जाता है. मात्रा के हिसाब से देश सालाना 800 से 900 टन सोने का आयात करता है.
Gold imports: सोने (Gold) का आयात चालू वित्त वर्ष में अप्रैल-दिसंबर महीने में 6.77 प्रतिशत घटकर 23 अरब डॉलर रहा. सोने के आयात का असर चालू खाते के घाटे (CAD) पर पड़ता है. वाणिज्य मंत्रालय (Ministry of Commerce) के अनुसार इससे पूर्व वित्त वर्ष 2018-19 की इसी तिमाही में पीली धातु का आयात 24.73 अरब डॉलर रहा था. सोने का आयात कम होने से देश को व्यापार घाटा कम करने में मदद मिली है. पीटीआई की खबर के मुताबिक, आलोच्य अवधि में यह 118 अरब डॉलर था जो एक साल पहले 2018-19 की अप्रैल-दिसंबर अवधि में 148.23 अरब डॉलर था.
चालू वित्त वर्ष में जुलाई से सोने के आयात (gold import) में गिरावट आ रही है. हालांकि पिछले साल अक्टूबर और नवंबर में इसमें पॉजिटिव ग्रोथ हुई है. वहीं दिसंबर में इसमें करीब 4 प्रतिशत की गिरावट आई. भारत सोने का सबसे बड़ा आयातक है. मुख्य रूप से आभूषण इंडस्ट्री की जरूरतों को पूरा करने के लिये इसका आयात किया जाता है. मात्रा के हिसाब से देश सालाना 800 से 900 टन सोने का आयात करता है.
(रॉयटर्स)
सोने के आयात के व्यापार घाटे और चालू खाते के घाटे पर पड़ने वाले नकारात्मक प्रभाव को कम करने के लिये सरकार ने इस धातु पर आयात शुल्क 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 12.5 प्रतिशत कर दिया है. उद्योग विशेषज्ञों का दावा है कि क्षेत्र में काम कर रही कंपनियां अधिक शुल्क के कारण अपना विनिर्माण केंद्र पड़ोसी देशों में ले जा रही हैं. रत्न एवं आभूषण निर्यात संवर्द्धन परिषद (GJEPC) ने आयात शुल्क (import duty) कम कर 4 प्रतिशत करने की मांग की है.
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रत्न एवं आभूषण निर्यात चालू वित्त वर्ष में अप्रैल-दिसंबर के दौरान 6.4 प्रतिशत घटकर 27.9 अरब डॉलर रहा. देश का स्वर्ण आयात 2018-19 में करीब 3 प्रतिशत घटकर 32.8 अरब डॉलर रहा था. आरबीआई (RBI) के आंकड़े के अनुसार चालू खाते का घाटा (कैड) जुलाई-सितंबर, 2019 के दौरान कम होकर GDP (सकल घरेलू उत्पाद) का 0.9 प्रतिशत यानी 6.3 अरब डॉलर रहा जो एक साल पहले इसी अवधि में 2.9 प्रतिशत यानी 19 अरब डॉलर था.