सोना हुआ धड़ाम, चांदी सीधे 2100 रुपये नीचे गिरी; क्यों मचा कमोडिटी बाजार में हाहाकार?
Gold Price Today: सोना MCX पर 400 से ज्यादा रुपये की गिरावट लेकर खुला था और पहले कारोबारी घंटे में 600 रुपये नीचे गिर गया था. वहीं चांदी तो 2000 रुपये का नुकसान लेकर खुली थी, लेकिन गिरावट बढ़ी और ये 2100 रुपये के नुकसान पर चल रही थी.
Gold Price Today: कमोडिटी बाजार में गुरुवार (13 जून) को जबरदस्त गिरावट देखने को मिल रही है. सोना MCX पर 400 से ज्यादा रुपये की गिरावट लेकर खुला था और पहले कारोबारी घंटे में 600 रुपये नीचे गिर गया था. वहीं चांदी तो 2000 रुपये का नुकसान लेकर खुली थी, लेकिन गिरावट बढ़ी और ये 2100 रुपये के नुकसान पर चल रही थी.
कितनी गिरावट पर चल रहे हैं मेटल्स?
भारतीय वायदा बाजारों में आज सुबह 10 बजे के आसपास गोल्ड 634 (-0.88%) की गिरावट लेकर 71,336 पर पहुंच गया था. कल ये 71,970 पर बंद हुआ था. वहीं, चांदी 2125 रुपये (-2.35%) की गिरावट के साथ 88,320 पर चल रही थी. बुधवार को इसकी क्लोजिंग 90,445 पर हुई थी.
गिरावट के पीछे इंटरनेशनल बेंचमार्क में गिरावट थी. चांदी अंतरराष्ट्रीय बाजार में 1 महीने के निचले स्तर गिर गई. सारे बेस मेटल्स भी एक से डेढ़ पर्सेंट की गिरावट लेकर खुले. LME कॉपर में 100 डॉलर का करेक्शन आया था. लेड, जिंक, एल्युमिनियम भी गिरावट पर थे.
गिरावट के पीछे क्या कारण रहा?
इसके पीछे अमेरिकी फेडरल रिजर्व की ओर से ब्याज दरों पर आई कॉमेंट्री है. दरअसल, पिछले साल दिसंबर से ही छह रेट कट की बात हो रही थी, लेकिन अब फेड ने संकेत दिए हैं कि अब बस एक रेट कट ही होगा, इससे बाजार में निगेटिव इंपैक्ट दिखाई दे रहा है.
यहां ध्यान देने वाली बात है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कल गोल्ड-सिल्वर चढ़कर बंद हुए थे, लेकिन आज के काराबोर में मेटल्स का मूड बिगड़ा हुआ दिख रहा है. दरअसल, ब्याज दरों में कटौती न होने से सोने-चांदी की होल्डिंग कॉस्ट या अपॉर्चुनिटी कॉस्ट बढ़ती है, अगर ब्याज दरें घटती हैं तो ये कॉस्ट घटती है और डिमांड भी सुधरती है, ऐसे में कटौती की आशाएं धूमिल होने के चलते इनमें बिकवाली दिखाई दे रही है.
उधर, मेटल्स जोकि पिछले महीने रिकॉर्ड रैली देख रहे थे, वही अब भारी करेक्शन पर हैं. LME Copper का हाजिर भाव रिकॉर्ड डिस्काउंट पर चल रहा है. वहीं, एल्युमिनियम भी 17 सालों के डिस्काउंट पर चला गया है. दरअसल, मेटल्स की डिमांड कमजोर है. चीन की ओर से कोई साफ तस्वीर निकलकर नहीं आ रही और उनकी अर्थव्यवस्था से जुडे़ आंकड़े भी कमजोर निकलकर आ रहे हैं. ऐसे में कमजोर डिमांड के चलते मेटल्स की कीमतों पर दबाव दिखाई दे रहा है.