गणपति बप्पा को हम एक और नाम से जानते हैं, वह है गजानन. ऐसी मान्यता है कि दुनिया का पूरा समावेश गजानन के अन्दर है. यानी ये सबकुछ जानते हैं. इनसे जुड़ा हुआ एक शेयर है एसबीआई लाइफ. अब यह शेयर गणपति से कैसे रिलेट होता है, इसे हम यहां समझते हैं. एसबीआई लाइफ की पैरेंट कंपनी है देश का सबसे बड़ा बैंक SBI, जिसकी एसबीआई लाइफ में 62 प्रतिशत की हिस्सेदारी है. देशभर में एसबीआई के 24000 ब्रांच नेटवर्क हैं, जिसमें सिर्फ और सिर्फ एसबीआई लाइफ के प्रॉडक्ट बिकते हैं. इसलिए यह एसबीआई लाइफ के लिए एक बहुत बड़ा प्लस प्वाइंट है.

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डिस्ट्रीब्यूशन को लेकर कोई भी चिंताएं नहीं हैं. अगर वो बाकी बैंक से टाइ अप भी करते हैं तो यह बाकी एरिया जहां पर एसबीआई की उतनी ज्यादा पहुंच नहीं है, वहां पर मजबूती देने के लिए इस्तेमाल हो सकता है. साथ ही यह वर्ष 2001 से कारोबार में है तो 18-19 साल का इनके पास इंश्योरेंस सेक्टर में लंबा अनुभव है और फॉर्च्यून 500 की लिस्ट में भी एसबीआई लाइफ का नाम शामिल है. इसलिए यह एसबीआई लाइफ के लिए एक अच्छा ट्रिगर है. इसके अलावा पिछली दो तिमाहियों को देखें तो एफपीआई ने इसमें अपनी हिस्सेदारी 9 प्रतिशत तक बढ़ाई है. यानी एफपीआई का रुझान एसबीआई लाइफ को लेकर काफी अच्छा है. 

इसके अलावा बीते पांच सालों से मुनाफे में सालाना 13 प्रतिशत की ग्रोथ देखने को मिली है. निवेशकों के लिए यह काफी अच्छा है और यह अच्छा रिटर्न भी देते आए हैं. अगर पहली तिमाही में देखें तो नए बिजनेस प्रीमियम से करीब 14 प्रतिशत हिस्सेदारी सिर्फ ऊंचे मार्जिन वाले बिजनेस से आई है. जे पी मॉर्गन ने भी इस शेयर के लिए 1000 रुपये का लक्ष्य रखा है और इस शेयर को लेकर सकारात्मक रुख है.