Recession के डर से सहमे विदेशी निवेशक? जनवरी में बेच डाले ₹15,236 करोड़ के स्टॉक्स, अब आगे क्या
FPIs withdraw: एफपीआई ने इस महीने (20 जनवरी तक) 15,236 करोड़ रुपए की शुद्ध निकासी की है. FPIs की बिकवाली की प्रमुख वजह लॉकडाउन के बाद चीन (corona lockdown) के बाजारों का आक्रामक तरीके से फिर से खुलना है.
FPIs withdraw: चीन के बाजारों का आकर्षण बढ़ने और अमेरिकी इकोनॉमी के मंदी (Recession) में जाने की चिंता के बीच विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPIs) ने जनवरी में अबतक भारतीय स्टॉक मार्केट से शुद्ध रूप से 15,236 करोड़ रुपए की बिकवाली की है. हालांकि, राहत की बात यह है कि बीते 4 ट्रे़डिंग सेशन में विदेशी निवेशकों ने खरीदारी की है. इससे पहले दिसंबर, 2022 में FPIs ने शेयर बाजारों में 11,119 करोड़ रुपए और नवंबर में 36,239 करोड़ रुपए की खरीदारी की थी .
जनवरी में बिकवाली की वजह
डिपॉजिटरी के आंकड़ों के मुताबिक, एफपीआई ने इस महीने (20 जनवरी तक) 15,236 करोड़ रुपए की शुद्ध निकासी की है. FPIs की बिकवाली की प्रमुख वजह लॉकडाउन के बाद चीन (corona lockdown) के बाजारों का आक्रामक तरीके से फिर से खुलना है.
विदेशी निवेशकों को भा रहा चीन
मॉर्निंगस्टार इंडिया के एसोसिएट निदेशक- प्रबंधक शोध हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा कि जीरो कोविड पॉलिसी (zero covid policy) के चलते चीन ने सख्त लॉकडाउन लागू किया. इससे चीन के बाजारों में भारी गिरावट दर्ज की गई. ऐसे में वैल्यू के लिहाज से वहां निवेश करना ज्यादा आकर्षक हो गया है.
उन्होंने कहा कि इस वजह से FPIs भारत जैसे ऊंचे वैल्युएशन वाले बाजारों से बिकवाली (FPIs withdraw) कर रहे हैं. हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा कि इसके अलावा अमेरिकी अर्थव्यवस्था के मंदी (global recession) में जाने की चिंता लगातार बनी हुई है, जिसे अमेरिका के निराशाजनक आंकड़ों से और सपोर्ट मिला है.
डॉलर इंडेक्स में भारी गिरावट
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के चीफ इनवेस्टमेंट स्ट्रैटेजिस्ट वी के विजयकुमार ने कहा कि FPIs द्वारा निरंतर बिकवाली थोड़ी आश्चर्यजनक है, क्योंकि डॉलर इंडेक्स (dollar index) में लगातार गिरावट आ रही है. डॉलर इंडेक्स 2022 के 114 के शिखर से घटकर अब लगभग 103 रह गया है. गिरता हुआ डॉलर उभरते बाजारों के लिए अनुकूल है और इसलिए भारत को निवेश प्राप्त करना चाहिए था.
इन बाजारों पर FPIs की नजर
उन्होंने कहा कि हो यह रहा है कि FPIs चीन, हांगकांग, दक्षिण कोरिया और थाइलैंड जैसे सस्ते बाजारों में भारी निवेश कर रहे हैं. वे अपेक्षाकृत महंगे बाजार भारत में बिकवाली कर रहे हैं. बता दें कि विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने इस महीने शेयरों के अलावा ऋण या बॉन्ड मार्केट (bond market) से भी 1,286 करोड़ रुपए की बिकवाली की है.
FPIs की बिकवाली की वजह?
विदेशी निवेशकों ने 2022 में भारतीय शेयर बाजारों से 1.21 लाख करोड़ रुपए के शेयरों की बिकवाली की. इसकी बड़ी वजह वैश्विक स्तर पर केंद्रीय बैंकों द्वारा आक्रामक तरीके से ब्याज दरों में बढ़ोतरी है. इसमें खासकर अमेरिकी फेडरल रिजर्व (us fed) द्वारा, कच्चे तेल की कीमतों (crude prices) में उतार-चढ़ाव, रूस-यूक्रेन युद्ध (russia ukraine war) के बीच बुलियन की कीमतों में तेज उछाल है. FPIs के निवेश के लिहाज से 2022 सबसे खराब साल रहा है. 2022 में उन्होंने शेयरों से जमकर बिकवाली की, जबकि इससे पिछले 3 साल के दौरान उन्होंने शेयरों में शुद्ध निवेश (FPIs withdraw) किया था.
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(भाषा इनपुट के साथ)