Stock Market: दुनिया के कई देशों में कोविड संक्रमण के मामले बढ़ने और अमेरिका में मंदी की चिंता के बीच जनवरी के पहले सप्ताह में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPIs) ने भारतीय शेयर बाजारों से 5,900 करोड़ रुपए के शेयरों की बिकवाली की. बता दें कि पिछले कुछ हफ्ते से विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPIs) ने भारतीय बाजारों को लेकर सतर्क रुख अपनाया हुआ है.

आगे कैसा रह सकता है सेंटीमेंट

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कोटक सिक्योरिटीज के इक्विटी रिसर्च हेड (रिटेल) श्रीकांत चौहान ने कहा कि आगे चलकर सकल घरेलू उत्पाद (GDP) ग्रोथ की चिंता के अलावा वैश्विक स्तर पर ऊंची ब्याज दरों और तीसरी तिमाही के कंपनियों के नतीजे कमजोर रहने की संभावना से विदेशी निवेशकों के रुख में उतार-चढ़ाव रहेगा. डिपॉजिटरी के आंकड़ों के मुताबिक दो से छह जनवरी के दौरान फॉरेन पोर्टफोलियो इनवेस्टर्स ने भारतीय शेयर बाजारों से नेट 5,872 करोड़ रुपए की निकासी की है.

बीते साल भी की जोरदार बिकवाली

दरअसल में FPI ने पिछले लगातार 11 ट्रेडिंग सेशन से बिकवाली कर रहे हैं. इस दौरान उन्होंने 14,300 करोड़ रुपए के शेयर बेचे हैं. इससे पहले एफपीआई ने दिसंबर में शेयरों में 11,119 करोड़ रुपए और नवंबर में 36,239 करोड़ रुपए डाले थे. कुल मिलाकर बीते साल यानी 2022 में FPI ने भारतीय शेयर बाजारों से नेट 1.21 लाख करोड़ रुपए की निकासी की है.

FPIs की बिकवाली की वजह

अमेरिकी फेडरल रिजर्व और अन्य सेंट्रल बैंकों के आक्रामक तरीके से ब्याज दरों में वृद्धि, कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव, सोने और चांदी के ऊंचे दाम और रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से बीते साल FPIs ने जोरदार बिकवाली की. मॉर्निंगस्टार इंडिया के एसोसिएट निदेशक प्रबंधक शोध हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा कि दुनिया के कुछ हिस्सों में कोविड संक्रमण फिर फैलने और अमेरिका में मंदी की चिंता की वजह से एफपीआई भारत जैसे उभरते बाजारों से दूरी बना रहे हैं. 

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अन्य मार्केट का क्या हाल है?

इस साल जनवरी के पहले सप्ताह में शेयरों के अलावा एफपीआई ने डेट यानी बॉन्ड मार्केट से भी 1,240 करोड़ रुपए की निकासी की है. भारत के अलावा ताइवान और इंडोनेशिया के बाजारों में भी एफपीआई का प्रवाह नकारात्मक रहा है. हालांकि, फिलिपीन, दक्षिण कोरिया और थाइलैंड के बाजारों में उनका फ्लो पॉजिटिव रहा है।