ग्लोबल और घरेलू मोर्चे पर शेयर बाजारों में गिरावट के चलते अगस्त के पहले 7 कारोबारी सत्रों में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने भारतीय कैपिटल मार्केट से 9,197 करोड़ रुपये की शुद्ध निकासी की है. इस महीने बाजार में आई गिरावट में एफपीआई की निकासी का अहम योगदान रहा है. हालांकि एक्सपर्ट का मानना है कि सरकार अगर विदेशी निवेशकों की टैक्स से जुड़ी चिंताओं को दूर कर दे तो हालात बदल सकते हैं और उनकी तरफ से खरीदारी का रुख देखने को मिल सकता है. बीते दिनों सरकार ने ऐसे संकेत भी दिए हैं और इसके चलते पिछले 2 कारोबारी सत्र के दौरान बाजार में जोरदार तेजी देखने को मिली.

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डिपॉजिटरी के ताजा आंकड़ों के मुताबिक विदेशी निवेशकों ने 1 से 9 अगस्त के दौरान शेयर बाजार से 11,134.60 करोड़ रुपये निकाले जबकि डेट सेग्मेंट में 1,937.54 करोड़ रुपये का निवेश किया. इस तरह उन्होंने कुल 9,197.06 करोड़ रुपये की शुद्ध बिकवाली की.

इससे पहले एफपीआई ने जुलाई 2019 में भारतीय कैपिटल मार्केट (शेयर और बांड दोनों) से 2,985.88 करोड़ रुपये की निकासी की थी. विशेषज्ञों का कहना है कि आम बजट में ट्रस्ट के रूप में पंजीकृत एफपीआई पर ऊंचे टैक्स की घोषणा के बाद से विदेशी निवेशक बिकवाली कर रहे हैं. अगर सरकार टैक्स लगाने के इस फैसले को वापस कर ले तो विदेशी निवेशक एक बार फिर बाजार पर मेहरबान हो सकते हैं.

जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के रिसर्च डिपार्टमेंट के प्रमुख विनोद नायर के मुताबिक वैश्विक अर्थव्यवस्था में नरमी के कारण विदेशी निवेशक सतर्क रुख अपना रहे हैं. इस बात को लेकर डर है कि अमेरिका-चीन व्यापार समझौता, ब्रेक्जिट एवं अन्य मुद्दों से जुड़ी अनिश्चितता के चलते ये नरमी लंबे समय तक बनी रह सकती है.