FPI: एचडीएफसी सिक्योरिटीज (HDFC Securities) ने एक रिपोर्ट में कहा कि एफपीआई इनफ्लो फिर से शुरू होने से निफ्टी (Nifty) में तेजी बनी रह सकती है. हालांकि, दिसंबर के दूसरे पखवाड़े में कुछ करेक्‍शन देखने को मिल सकता है, क्योंकि एफपीआई साल के अंत में निवेश नहीं करते. इसने कहा, उच्च बाजार स्तर पर एंट्री करने के दर्द से बचने के लिए किसी को स्टॉक स्पेसिफिक होने की जरूरत है.

नवंबर में निफ्टी50 ने बनाया रिकॉर्ड

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साल की शुरुआत के बाद से निफ्टी50 ने नवंबर में अपना अब तक का सबसे अधिक रिटर्न दर्ज किया, इसका नेतृत्व यूएस फेड (US Fed) की नरम टिप्पणी, बॉन्ड यील्ड में गिरावट और विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) की वापसी के कारण हुआ. 29 नवंबर को निफ्टी ने 18 सितंबर के बाद पहली बार 20 हजार के स्तर को छुआ.  रिपोर्ट में कहा गया है कि सकारात्मक भावना अमेरिकी फेडरल रिजर्व की नरम टिप्पणियों से भी प्रेरित थी, जिसने नवंबर में दूसरी बार दरों को अपरिवर्तित रखा.

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नवंबर के दौरान एफआईआई ने भारतीय इक्विटी में 1.1 अरब डॉलर का निवेश किया और इसके बाद अकेले दिसंबर के पहले दिन 1.2 अरब डॉलर का निवेश किया. पीजीआईएम इंडिया म्यूचुअल फंड (PGIM India MF) के सीआईओ विनय पहाड़िया ने कहा, महीने के दौरान 1.7 अरब डॉलर के प्रवाह के साथ डीआईआई प्रवाह मजबूत रहा.

निकट अवधि की रिटर्न क्षमता को लेकर सतर्क

रिसर्च में कहा गया है, हम मध्यम से दीर्घावधि में मजबूत आर्थिक विकास से प्रेरित भारतीय इक्विटी बाजारों को लेकर आशावादी बने हुए हैं. हालांकि, हाल के महीनों में बाजारों में तेजी के बाद, हम इक्विटी बाजारों की निकट अवधि की रिटर्न क्षमता को लेकर सतर्क हैं.

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कोटक अल्टरनेट एसेट प्रबंधकों के चीफ इनवेस्टमेंट स्ट्रैटेजिस्ट, जितेंद्र गोहिल के एक रिसर्च में कहा गया है कि फेड द्वारा ब्याज दरों में बढ़ोतरी की आशंका को कम करना, मुद्रास्फीति (Inflation) का दबाव कम करना और सौदेबाजी की प्रवृत्ति नवंबर में वैश्विक स्टॉक रैली के प्रमुख चालक थे.

मिडकैप और स्मॉलकैप इंडेक्स का प्रदर्शन बेहतर

एमएससीआई वर्ल्ड, एमएससीआई ईएम और एमएससीआई एशिया एक्स-जापान सूचकांक नवंबर में क्रमशः 9.2%, 7.8% और 6.9% बढ़े. निफ्टी इंडेक्स ने 5.5% से अध‍िक की बढ़त के साथ कमजोर प्रदर्शन किया, लेकिन मिडकैप और स्मॉलकैप इंडेक्स ने क्रमश: 9.6% और 10.2% से अधिक के रिटर्न के साथ बेहतर प्रदर्शन किया.

नोट में कहा गया है, हमें उम्मीद है कि कमजोर डॉलर इंडेक्स, अमेरिकी पैदावार में गिरावट, अमेरिका में 'सॉफ्ट लैंडिंग' की बढ़ती संभावना के मद्देनजर मैक्रो पृष्ठभूमि भारतीय इक्विटी के लिए सहायक बनी रहेगी. एफपीआई (FPI) का स्वामित्व दशक के निचले स्तर पर है, जबकि एमएफ और बीएफआई 2014 में 10% से बढ़कर 16% ऊपर हैं.

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दो महीने तक नेट विक्रेता बने रहने के बाद नवंबर में एफआईआई (FPI) 2.3 अरब डॉलर के खरीदार बन गए. अक्टूबर में 3.4 अरब डॉलर के निवेश के बाद नवंबर में डीआईआई ने 1.7 अरब डॉलर का निवेश दर्ज किया. मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के अनुसार, सीवाई23वाईटीडी में एमआईआई और डीआईआई इनफ्लो क्रमशः 14.4 और 20.8 बिलियन डॉलर है.