नहीं थम रही विदेशी निवेशकों की बिकवाली, जनवरी में ही बेच डाले इतने करोड़ रुपए के शेयर- चेक करें डीटेल्स
वैश्विक स्तर पर केंद्रीय बैंकों, खास तौर पर फेडरल रिजर्व द्वारा आक्रामक दरों से ब्याज दरों में बढ़ोतरी, कच्चे तेल की कीमतों के उतार-चढ़ाव, बुलियन मार्केट में तेजी और रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से पिछले साल FPIs ने बिकवाली की.
विदेशी पोर्टफोलियो निवेश्कों (FPIs) ने इस महीने अबतक भारतीय शेयर बाजारों से शुद्ध रूप से 17,000 करोड़ रुपए से अधिक निकाले हैं. चीनी बाजारों के आकर्षण, आम बजट और अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व (US Fed) की मीटिंग से पहले FPIs ने सतर्कता का रुख अपनाया हुआ है. इससे पहले विदेशी निवेशकों ने दिसंबर में भारतीय शेयरों में 11,119 करोड़ रुपए और नवंबर में 36,239 करोड़ रुपए की खरीदारी की थी. कुल मिलाकर FPIs ने 2022 में भारतीय शेयर बाजारों से 1.21 लाख करोड़ रुपए निकाले थे.
FPIs की बिकवाली की क्या है वजह?
वैश्विक स्तर पर केंद्रीय बैंकों, खास तौर पर फेडरल रिजर्व द्वारा आक्रामक दरों से ब्याज दरों में बढ़ोतरी, कच्चे तेल की कीमतों के उतार-चढ़ाव, बुलियन मार्केट में तेजी और रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से पिछले साल FPIs ने बिकवाली की. इससे पिछले 3 साल के दौरान FPIs भारतीय शेयर बाजारों में नेट खरीदार रहे थे. डिपॉजिटरी के आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी निवेशकों ने इस महीने (27 जनवरी तक) शेयरों से 17,023 करोड़ रुपए की नेट बिकवाली की है.
इन इवेंट्स के चलते सतर्क हुए FPIs
मॉर्निंगस्टार इंडिया के एसोसिएट निदेशक-प्रबंधक शोध हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा कि FPIs सतर्क रुख अपना रहे हैं. वे 1 फरवरी को आने वाले आम बजट और फेडरल रिजर्व की बैठक से पहले सतर्कता का रुख अपना रहे हैं. फेडरल रिजर्व की मौद्रिक समिति की बैठक 31 जनवरी और एक फरवरी को होगी.
चीन के बाजार में निवेश बढ़ा
श्रीवास्तव ने कहा कि इसके अलावा FPIs लॉकडाउन के बाद बाजार फिर से खुलने के बाद से चीन पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं. अपनी शून्य कोविड पॉलिसी के तहत चीन ने सख्त लॉकडाउन लगाया हुआ था. इसके चलते चीन के बाजारों में गिरावट आई है और वे वैल्यू के लिहाज से आकर्षक हो गए हैं.
भारत के अलावा FPIs ने इन बाजारों में की खरीदारी
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के चीफ इनवेस्टमेंट स्ट्रैटेजिस्ट वी के विजयकुमार ने कहा कि जनवरी में FPIs की रणनीति भारत में बिकवाली और चीन, हांगकांग, दक्षिण कोरिया और थाइलैंड जैसे कमोबेश सस्ते बाजारों में लिवाली की रही. इस महीने FPIs ने डेट या बॉन्ड मार्केट में 3,685 करोड़ रुपए का निवेश किया है. भारत के अलावा इंडोनेशिया के बाजार से भी विदेशी निवेशकों ने बिकवाली की है. वहीं फिलिपीन, दक्षिण कोरिया और थाइलैंड जैसे बाजारों में वे खरीदार रहे हैं.
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(भाषा इनपुट के साथ)