राज्यों के चुनावी नतीजों से तय होगी बाजार की चाल, बड़ी बिकवाली कर सकता है FPI
FPI: अमेरिकी बॉन्ड यील्ड (US Bond Yields) में गिरावट और भारतीय बाजार की मजबूती ने एफपीआई को अपनी बिकवाली रोकने के लिए मजबूर किया है.
FPI: शेयर बाजार (Stock Market) एक बार फिर से ऑल टाइम हाई पर पहुंच गया है. ऐसे में फॉरेन पोर्टफोलियो इनवेस्टर्स (FPI) फिर से बिकवाली कर सकता है. जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के चीफ इनवेस्टमेंट स्ट्रैटेजिस्ट वीके विजयकुमार ने ये बात कही है. एफपीआई (FPI) ने भारत में अपनी बिकवाली रणनीति को उलट दिया है.
उन्होंने कहा, अमेरिकी बॉन्ड यील्ड (US Bond Yields) में गिरावट और भारतीय बाजार की मजबूती ने एफपीआई को अपनी बिकवाली रोकने के लिए मजबूर किया है. पिछले छह दिनों के दौरान, एफपीआई (FPI) भारत में लगातार खरीदार रहे.
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कैश मार्केट में 368 करोड़ रुपये की बिकवाली की
एनएसडीएल (NSDL) के आंकड़ों के अनुसार, नवंबर में, एफपीआई इन्फ्लो पॉजिटिव हो गया और 9,000 करोड़ रुपये की नेट खरीद का आंकड़ा सामने आया है, हालांकि उन्होंने कैश मार्केट में 368 करोड़ रुपये की बिकवाली की. उन्होंने कहा कि 2023 के लिए अब तक कुल खरीद का आंकड़ा 1,04,972 करोड़ रुपये है.
चुनाव के नतीजों पर बाजार की चाल निर्भर
आगे चलकर, एफपीआई की प्रतिक्रिया महत्वपूर्ण रूप से बाजार की प्रवृत्ति पर निर्धारित होगी, जो राज्यों के चुनाव परिणामों से प्रभावित होगी. अगर राज्य के चुनाव नतीजे सत्ताधारी सरकार के लिए अनुकूल रहे, तो बाजार में तेजी आएगी. उन्होंने कहा कि बड़ी बिकवाली से एफपीआई के उस रैली को चूकने की संभावना नहीं है. वे वित्तीय क्षेत्र में खरीदारी कर सकते हैं जहां मूल्यांकन ठीक है.
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