विदेशी निवेशकों ने पिछले छह कारोबारी सत्र में भारतीय शेयर बाजारों में करीब 5,300 करोड़ रुपये का निवेश किया है. निवेशकों ने आर्थिक वृद्धि दर ऊंची रहने की उम्मीदों के चलते यह रुख अपनाया. इससे पहले विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) ने जनवरी महीने में शेयर बाजारों से 5,264 करोड़ रुपये निकासी की थी. वहीं, नवंबर-दिसंबर 2018 के दौरान उन्होंने शेयर बाजारों में 5,884 करोड़ रुपये का निवेश किया था.

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आंकड़ों के अनुसार FPI ने 1 से 8 फरवरी के दौरान शेयर बाजारों में 5,273 करोड़ रुपये का निवेश किया. हालांकि, इसी अवधि में उन्होंने ऋण बाजार से 2,795 करोड़ रुपये की निकासी की.

विश्लेषकों ने कहा कि जनवरी में शुद्ध रूप से बिकवाली के बाद फरवरी में विदेशी निवेशक अब तक शुद्ध लिवाल बने हुए हैं. यह एक स्वागत योग्य कदम है हालांकि, अभी महीना शुरू ही हुआ है और ऐसे में निवेशकों का रुख किस तरफ होगा यह कहना जल्दबाजी होगी.

मॉर्निंगस्टार इन्वेस्टमेंट एडवाइजर इंडिया के वरिष्ठ विश्लेषक प्रबंधक (शोध) हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा, मेरा मानना है कि हाल में हुए निवेश के बावजूद निवेशक व्यापक पैमाने पर सर्तकता बरतेंगे. विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक ‘इंतजार करो और देखो’ की रणनीति अपनाएंगे. वे आर्थिक वृद्धि की प्रगति और आम चुनाव जैसे मोर्चे पर ध्यान देना जारी रखेंगे. इसके अलावा, कच्चे तेल की कीमतों, रुपये की चाल और वैश्विक मोर्चे पर व्यापारिक तनाव की चिंताओं से भी एफपीआई निवेश को दिशा मिलेगी.