FPI Investment in September: सितंबर महीने में विदेशी निवेशकों का भरोसा शेयर बाजार (Share Market) में काफी ज्यादा रहा है. इस महीने अभी तक विदेशी निवेशकों ने 12000 करोड़ रुपए भारतीय शेयर बाजार (Indian Share Market) में लगाए हैं. विदेशी निवेशकों को ये उम्मीद है कि मुद्रास्फीति में आ रही नरमी के बीच ग्लोबल सेंट्रल बैंक खास तौर पर अमेरिकी फेड बैंक ब्याज दरों में बढ़ोतरी को लेकर कुछ नरम रुख अपना सकता है. डिपॉजटरी के आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी निवेशकों ने शेयर बाजार में अगस्त में 51200 करोड़ रुपए और जुलाई में 5000 करोड़ रुपए का निवेश किया था. बता दें कि जुलाई से पहले और पिछले साल अक्टूबर से लगातार नौ महीने तक विदेशी निवेशकों ने शेयर बाजार से पैसा निकाला था. जुलाई में विदेशी निवेशक (FPIs) नेट बायर्स बने थे. 

9 महीने तक कितना पैसा निकाला

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पीटीआई की खबर के मुताबिक, अक्टूबर 2021 से जून 2022 के बीच विदेशी निवेशकों ने शेयर बाजार से 2.46 लाख करोड़ रुपए का आउटफ्लो किया था. कोटक सिक्योरिटीज के इक्विटी रिसर्च (रिटेल) के हेड श्रीकांत चौहान ने कहा कि मौद्रिक सख्ती, बढ़ती मुद्रास्फीति और भू-राजनीतिक चिंताओ को देखते हुए आने वाले समय में विदेशी निवेशकों का रुख अस्थिर बना रह सकता है.  

1-16 सितंबर तक इतना आया निवेश

श्रीकांत चौहान ने कहा कि डिपॉजिटर्स के डाटा के मुताबिक, 1 से 16 सितंबर के बीच विदेशी निवेशकों ने भारतीय शेयर बाजार में 12084 करोड़ रुपए का निवेश किया था. विदेशी निवेशकों ने इस उम्मीद में पैसा लगाया कि ग्रोथ मोमेंटम बरकरार रहेगा. 

इसके अलावा मॉर्निंग स्टार इंडिया के मैनेजर रिसर्च के एसोसिएट डायरेक्टर हिमांशू श्रीवास्तव ने कहा कि उम्मीदों के बल पर विदेशी निवेशक भारतीय शेयर बाजार में निवेश बरकरार रखेंगे. उन्हें लगता है कि मुद्रास्फीति की दर में नरमी को देखते हुए अमेरिकी फेडरल बैंक अपनी ब्याज दरों की बढ़ोतरी में थोड़ा नरम रुख अपना सकता है. 

RBI और बढ़ा सकता है ब्याज दरें

महंगाई की दर ज्यादा होने की वजह से भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) आने वाले समय में और ब्याज दरें बढ़ा सकता है. इस महीने के अंत में मॉनिटरी पॉलिसी के दौरान आरबीआई ब्याज दरों में इजाफा कनरे का ऐलान कर सकता है. हालांक रिपोर्ट्स की माने तो, आरबीआई और सरकार ब्याज दरें बढ़ाने का एक पक्ष में नहीं है.