FPI in India: विदेशी निवेशकों ने इस महीने के पहले हफ्ते में घरेलू शेयरों से करीब 14,800 करोड़ रुपए निकाले. भारत के आम चुनाव के नतीजों और चीन के शेयरों के आकर्षक मूल्यांकन से प्रभावित होकर उन्होंने ऐसा किया. चुनाव नतीजों की अनिश्चितता, मॉरीशस के साथ भारत की कर संधि में बदलाव और अमेरिकी बॉन्ड प्रतिफल में लगातार बढ़ोतरी के चलते विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) ने मई में 25,586 करोड़ रुपए और अप्रैल में 8,700 करोड़ रुपए से अधिक की शुद्ध निकासी की थी.

जून में अब तक 14794 करोड़ की निकासी की

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

डिपॉजिटरी के आंकड़ों से पता चलता है कि इससे पहले, FPI ने मार्च में 35,098 करोड़ रुपए और फरवरी में 1,539 करोड़ रुपए का शुद्ध निवेश किया था. उन्होंने जनवरी में 25,743 करोड़ रुपए निकाले थे. विशेषज्ञों ने कहा कि मध्यम से लेकर दीर्घ अवधि के नजरिए से बात की जाए तो विदेशी निदेशकों की नजर भारत में ब्याज दरों की दिशा पर होगी. आंकड़ों के अनुसार FPI ने इस महीने (सात जून तक) 14,794 करोड़ रुपए की शुद्ध निकासी की. भारत में आम चुनाव के नतीजों ने जून में भारतीय इक्विटी बाजारों में विदेशी निवेशकों के प्रवाह को काफी प्रभावित किया.

चाइनीज मार्केट के प्रति FPI का आकर्षण बढ़ रहा है

जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजय कुमार ने कहा कि चीनी शेयरों को लेकर FPI की निराशा खत्म होती दिख रही है और हांगकांग एक्सचेंज में सूचीबद्ध चीनी शेयरों में निवेश बढ़ रहा है. उन्होंने बताया कि चीनी शेयरों का मूल्यांकन बहुत आकर्षक हो गया है. दूसरी ओर, FPI ने ऋण बाजार में 4,000 करोड़ रुपए से अधिक का निवेश किया.