दिसंबर में रिकॉर्ड खरीदारी के बाद FPI को क्या हुआ? जनवरी में अब तक 13047 करोड़ की निकासी; जानें कारण
FPI in January: लेटेस्ट डेटा के मुताबिक, विदेशी निवेशकों ने जनवरी में अब तक शेयर बाजार से 13000 करोड़ रुपए से ज्यादा की निकासी की है. वहीं बॉन्ड मार्केट में 15647 करोड़ रुपए की खरीदारी की है. जानिए पूरी डीटेल.
FPI in January: फॉरन पोर्टफोलियो इन्वेस्टर्स ने एकबार फिर भारतीय बाजार से निकासी शुरू कर दी है. जनवरी महीने में अब तक भारतीय शेयर बाजार से FPI ने शुद्ध रूप से 13047 करोड़ रुपए की निकासी की है. दिसंबर के महीने में 66135 करोड़ रुपए की रिकॉर्ड खरीदारी की गई थी. उससे पहले नवंबर में 9001 करोड़ की खरीदारी हुई थी. गौर करने वाली बात है कि जनवरी में बॉन्ड मार्केट में विदेशी निवेशकों ने 15647 करोड़ रुपए की खरीदारी की है. दिसंबर में 18302 करोड़ और नवंबर में 14860 करोड़ की खरीदारी की थी.
वैल्युएशन थोड़ी महंगी और बॉन्ड यील्ड में मजबूती का असर
बाजार के जानकारों का मानना है कि इस निकासी के पीछे कई कारण हैं. बुल रन में भारतीय शेयर बाजार की वैल्युएशन थोड़ी महंगी हो गई है. दूसरी तरफ अमेरिकी फेडरल रिजर्व की तरफ से इंटरेस्ट कट को लेकर साफ रुख नहीं होने के कारण फिर से बॉन्ड यील्ड में तेजी है. जानकारों का मानना है कि HDFC Bank के कमजोर नतीजे से एफपीआई हतश हुए हैं.
जनवरी में अब तक 13047 करोड़ रुपए शेयर बाजार से निकाले
आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) ने इस महीने (19 जनवरी तक) में भारतीय शेयरों से 13,047 करोड़ रुपए की निकासी की है. उन्होंने 17-19 जनवरी के दौरान 24,000 करोड़ रुपए से अधिक के शेयर बेचे. इससे पहले दिसंबर में FPI ने शेयरों में शुद्ध रूप से 66,134 करोड़ रुपए और नवंबर में 9,000 करोड़ रुपए डाले थे.
FPI की बिकवाली के 2 प्रमुख कारण क्या हैं?
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार ने कहा, ‘‘FPI की बिकवाली के दो कारण हैं. एक अमेरिका में बॉन्ड प्रतिफल बढ़ रहा है. 10 साल के बॉन्ड पर प्रतिफल 3.9 फीसदी के हालिया स्तर से बढ़कर 4.15 फीसदी हो गया है, जिससे उभरते बाजारों से पूंजी निकासी हो रही है.’’ उन्होंने कहा कि दूसरी वजह भारत में शेयरों का ऊंचा मूल्यांकन है. FPI एचडीएफसी बैंक के उम्मीद से कमजोर नतीजों का हवाला देकर बड़े पैमाने पर बिकवाली कर रहे हैं.
HDFC Bank के नतीजे से हताश हुए विदेशी निवेशक
मॉर्निंगस्टार इन्वेस्टमेंट रिसर्च इंडिया के एसोसिएट निदेशक-प्रबंधक शोध हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा कि FPI की बड़े पैमाने पर बिकवाली की वजह एचडीएफसी बैंक के निराशाजनक तिमाही नतीजे हैं. उन्होंने कहा कि FPI ने नए साल की शुरुआत में सतर्क रुख अपनाते हुए ऊंचे मूल्यांकन की वजह से भारतीय शेयर बाजारों में मुनाफावसूली की है. श्रीवास्तव ने कहा, ‘‘इसके अलावा ब्याज दर परिदृश्य को लेकर अनिश्चितता ने भी उन्हें किनारे पर रहने को मजबूर किया है. वे भारत जैसे उभरते बाजारों में निवेश से पहले और संकेतकों का इंतजार कर रहे हैं.’
(भाषा इनपुट के साथ)