FPI Selling: फॉरेन पोर्टफोलियो इन्वेस्टर्स (FPI) ने अक्टूबर में अपनी बिक्री का सिलसिला जारी रखा और नकद बाजार में बिक्री 16,176 करोड़ रुपये से अधिक की बि‍क्री की. यह बात जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के चीफ इनवेस्टमेंट स्ट्रैटजिस्ट वीके विजयकुमार ने कही. उन्होंने कहा, एफपीआई (FPI) फाइनेंस, पावर,  एफएमसीजी (FMCG) और आईटी (IT) जैसे सेक्टर्स में बिकवाली कर रहे हैं. ऑटोमोबाइल (Automobile) और कैपिटल गुड्स (Capital Goods) में बिकवाली कम रही. 

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

लगातार बिक्री का कारण अमेरिकी बॉन्ड यील्ड (US Bond Yields) में तेज बढ़ोतरी थी, जो 17 साल के उच्चतम स्‍तर पर पहुंच गया. यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि एफपीआई की बिक्री बड़ी नहीं है. उन्होंने कहा, इसका मतलब यह है कि जब स्थिति बदलेगी तो कैपिटल आउटफ्लो उलट जाएगा.

ये भी पढ़ें- रबी सीजन में करें इस सुपर फूड की खेती, 4 महीने में होगी तगड़ी कमाई

डेट मार्केट में बढ़ा निवेश

एफपीआई (FPI) निवेश की एक अन्य महत्वपूर्ण विशेषता डेट मार्केट में बढ़ता फ्लो है. इसके कई कारण हैं. एक, वैश्विक अनिश्चितता और वैश्विक अर्थव्यवस्था में कमजोरी के बीच एफपीआई अपने निवेश में विविधता ला रहा है. भारतीय बॉन्ड अच्छा रिजल्‍ट दे रहे हैं और भारत के स्थिर मैक्रोज़ को देखते हुए आईएनआर स्थिर होने की उम्मीद है.

एक अन्य कारक जेपी मॉर्गन ग्लोबल बॉन्ड इंडेक्स में भारत का शामिल होना है. कुछ एफपीआई प्रमुख खरीदारों द्वारा भारतीय बांड खरीदने पर रोक लगा रहे हैं. उन्होंने कहा कि सबसे बढ़कर विदेशी निवेशक अब भारत को सबसे अच्छी विकास कहानी के साथ सबसे स्थिर उभरते बाजार के रूप में देखते हैं.

ये भी पढ़ें- खेती से जुड़ा शुरू करना है बिजनेस तो यहां आएं, ₹2 करोड़ तक मिलेगा मॉर्गेज फ्री लोन, ब्याज 6% से कम, जानिए सबकुछ

(IANS इनपुट के साथ)