विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) ने राजनीतिक स्थिरता की संभावनाओं को देखते हुए इस महीने अब तक भारतीय शेयर बाजारों में 57,300 करोड़ रुपए से अधिक का निवेश किया है. इसके पीछे भारत की आर्थिक वृद्धि में मजबूती दर्शाने वाले आंकड़ों और अमेरिकी बॉन्ड प्रतिफल में लगातार गिरावट होने की भी अहम भूमिका रही है. इस सकारात्मक धारणा के बीच इस साल भारतीय बाजार में एफपीआई का कुल निवेश 1.62 लाख करोड़ रुपए से अधिक हो गया है. FPI ने सर्वाधिक निवेश वित्तीय सेवा क्षेत्र में किया है जबकि वाहन, पूंजीगत सामान और दूरसंचार जैसे क्षेत्रों में भी उन्होंने दिलचस्पी दिखाई.

2024 में भी FPI का इन्फ्लो जारी रहेगा

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जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार ने कहा कि नए साल में अमेरिकी ब्याज दरों में कमी आने की उम्मीद है और ऐसे में एफपीआई साल 2024 में भारतीय बाजार में अपनी खरीदारी बढ़ा सकते हैं. आंकड़ों के मुताबिक, FPI ने इस महीने अब तक भारतीय इक्विटी बाजार में 57,313 करोड़ रुपए का शुद्ध निवेश किया है. यह एक साल में उनका एक महीने में सबसे अधिक निवेश है. 

अक्चूबर में 9000 करोड़ का आया था निवेश

इसके पहले FPI ने अक्टूबर में 9,000 करोड़ रुपए का शुद्ध निवेश किया था. हालांकि डिपॉजिटरी के आंकड़ों से पता चलता है कि विदेशी निवेशकों ने अगस्त और सितंबर के महीनों में 39,300 करोड़ रुपए की शुद्ध निकासी की थी. भारतीय बाजारों में FPI के मजबूत प्रवाह के लिए कई कारकों को जिम्मेदार माना जा सकता है. 

प्राइमरी मार्केट ने भी निवेशकों का उत्साह बढ़ाया

मॉर्निंगस्टार इन्वेस्टमेंट रिसर्च इंडिया के सह-निदेशक एवं शोध प्रबंधक हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा कि राजनीतिक स्थिरता का माहौल और भारतीय बाजारों में व्याप्त सकारात्मक धारणा की इसमें अहम भूमिका रही है. उन्होंने कहा कि देश की स्थिर और मजबूत अर्थव्यवस्था, कंपनियों की आमदनी में असरदार बढ़ोतरी और लगातार कई कंपनियों के आरंभिक सार्वजनिक निर्गमों (IPO) ने विदेशी निवेशकों को भारत में निवेश के अवसर तलाशने के लिए आकर्षित किया है.

मजबूत इकोनॉमिक ग्रोथ पर निवेशकों का भरोसा

क्रेविंग अल्फा के स्मॉलकेस मैनेजर और प्रमुख साझेदार मयंक मेहरा ने कहा, “भारतीय बाजार का इंजन बहुत तेजी से चल रहा है. अनुमान से अधिक GDP वृद्धि के साथ बढ़ता विनिर्माण क्षेत्र निवेशकों के लिए एक जीवंत तस्वीर पेश करता है.” बॉन्ड के संदर्भ में समीक्षाधीन अवधि के दौरान भारतीय ऋण बाजार में 15,545 करोड़ रुपए लगाए गए. इसके पहले नवंबर में 14,860 करोड़ रुपए और अक्टूबर में 6,381 करोड़ रुपए का निवेश हुआ था.