अमेरिका और ईरान के बीच तनाव को देखते हुए विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) सतर्कता बरत रहे हैं. जनवरी में अब तक उन्होंने भारतीय पूंजी बाजार से 2,415 करोड़ रुपये निकाले हैं. डिपॉजिटरी के नये आंकड़ों के अनुसार, एक जनवरी से 10 जनवरी के दौरान एफपीआई ने शेयरों में 777 करोड़ रुपये डाले, जबकि ऋणपत्रों या बांड बाजार से 3,192.7 करोड़ रुपये निकाले. 

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

इस तरह एफपीआई ने घरेलू पूंजी बाजार से 2,415.7 करोड़ रुपये की शुद्ध निकासी की. एफपीआई इससे पहले सितंबर, 2019 से लगातार हर महीने शुद्ध निवेशक रहे हैं. 

मॉर्निंगस्टार इन्वेस्टमेंट एडवाइजर इंडिया के वरिष्ठ विश्लेषण प्रबंधक (शोध) हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा, ‘‘भारतीय शेयर बाजार में निवेश करने से पहले विदेशी निवेशक वैश्विक मोर्चे पर चल रही गतिविधियों को नजदीकी से देख रहे हैं और सतर्कता बरते रहे हैं. अमेरिका और ईरान के बीच तनाव से बदली भू-राजनीतिक परिस्थितियों ने वैश्विक शेयर बाजारों को प्रभावित किया है.’’

हालांकि दोनों देशों ने तनाव को और नहीं खींचने के संकेत दिए हैं. इससे जोखिम पर धारणा पुन: मजबूत बन सकती है और आने वाले समय में एफपीआई सकारात्मक हो सकते हैं.इसके अलावा एफपीआई की निगाहें एक फरवरी को पेश होने जा रहे आम बजट पर भी लगी हैं.

बीते हफ्ते निफ्टी रिकॉर्ड स्तर तक उछला. बंबई स्टॉक एक्सचेंज (BSE) के 30 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक सेंसेक्स पिछले सप्ताह के मुकाबले शुक्रवार को 135.11 अंकों यानी 0.33 फीसदी की बढ़त के साथ 41,599.72 पर बंद हुआ. 

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) के 50 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक निफ्टी भी पिछले सप्ताह के मुकाबले 30.15 अंकों यानी 0.25 फीसदी की तेजी के साथ 12,256.80 पर बंद हुआ. सप्ताह के आखिरी कारोबारी सत्र के दौरान निफ्टी रिकॉर्ड 12,311.20 तक उछला.

बीएसई मिडकैप सूचकांक पिछले सप्ताह के मुकाबले 44.37 अंकों की बढ़त के साथ 15,158.92 पर बंद हुआ जबकि बीएसई स्मॉलकैप सूचकांक 158.75 अंकों की छलांग लगाकर 14,147.64 पर बंद हुआ.