विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) ने मार्च में अभी तक घरेलू पूंजी बाजारों बाजारों मे 38,211 करोड़ रुपये का निवेश किया है. वैश्विक स्तर पर तरलता की स्थिति में सुधार के बीच एफपीआई का निवेश बढ़ा है. फरवरी में एफपीआई ने पूंजी बाजारों- बांड और शेयर बाजार में शुद्ध रूप से 11,182 करोड़ रुपये का निवेश किया था. विश्लेषकों ने कहा कि वैश्विक स्तर पर विभिन्न केंद्रीय बैंकों के मौद्रिक नीति रुख में बदलाव की वजह से एफपीआई निवेश बढ़ा है.

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डिपॉजिटरी के आंकड़ों के अनुसार विदेशी निवेशकों ने एक से 22 मार्च के दौरान शेयरों में शुद्ध रूप से 27,424.18 करोड़ रुपये का निवेश किया जबकि इस दौरान उन्होंने डेट या बांड बाजार में 10,787.02 करोड़ रुपये का निवेश किया. इस तरह उनका कुल निवेश 38,211.20 करोड़ रुपये रहा.

ग्रो के मुख्य परिचालन अधिकारी हर्ष जैन ने कहा कि अमेरिका चीन के बीच व्यापार विवाद कुछ ठंडा पड़ने तथा अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में वृद्धि नहीं किए जाने से भारत एफपीआई के निवेश के लिए आकर्षक हो गया है. इसके अलावा कच्चे तेल की कीमतों में स्थिरता से भी एफपीआई का निवेश बढ़ा है.