Foreign Portfolio Investors: विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने मई के पहले पखवाड़े में भारतीय शेयर बाजारों में दिलचस्पी दिखाते हुए 23,152 करोड़ रुपए से अधिक का निवेश किया है. अमेरिका के केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में और वृद्धि की गुंजाइश घटने, मजबूत वृहद आर्थिक परिदृश्य और कंपनियों के तिमाही नतीजे बेहतर रहने के बीच विदेशी निवेशकों का भारतीय शेयर बाजार की तरफ आकर्षण बढ़ा है. डिपॉजिटरी के आंकड़ों के अनुसार, इसके साथ ही एफपीआई 2023 में 8,572 करोड़ रुपए के साथ शुद्ध लिवाल बन गए हैं.

FPI इन्फ्लो तेज रहने का अनुमान

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सैंक्टम वेल्थ के उत्पाद एवं समाधान सह-प्रमुख मनीष जेलोका ने कहा, ‘‘आगे चलकर शेष माह में भी एफपीआई प्रवाह मजबूत रहने की उम्मीद है, क्योंकि अमेरिका के गैर-कृषि पेरोल और उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित महंगाई के आंकड़े उम्मीद के अनुरूप रहे हैं.’’

डॉलर के कमजोर होने की संभावना बढ़ी

जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार ने कहा, ‘‘रुपया मजबूत बना हुआ है और निकट भविष्य में डॉलर में गिरावट की संभावना है. ऐसे में एफपीआई भारत में लिवाली जारी रखेंगे. भारत के वृहद संकेतकों में सुधार से भी यहां प्रवाह बढ़ेगा.’’ डिपॉजिटरी के आंकड़ों के अनुसार, एफपीआई ने दो-12 मई के दौरान भारतीय शेयर बाजार में 23,152 करोड़ रुपए का शुद्ध निवेश किया है. इससे पहले अप्रैल में उन्होंने शेयरों में 11,630 करोड़ रुपए और मार्च में 7,936 करोड़ रुपए डॉले थे.

भारतीय बाजार के प्रति बढ़ा आकर्षण

मॉर्निंगस्टार इंडिया के एसोसिएट निदेशक-प्रबंधक शोध हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा, ‘‘फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में और वृद्धि की संभावना घटने, मजबूत घरेलू वृहद परिदृश्य और बेहतर तिमाही नतीजों की वजह से भारतीय बाजार के प्रति एफपीआई का आकर्षण बढ़ा है.’’ मई के पहले पखवाड़े में एफपीआई ने शेयरों के अलावा ऋण या बॉन्ड बाजार में 68 करोड़ रुपए डाले हैं.

 

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