FPI in August: विदेशी निवेशकों की आई बाढ़, अगस्त में एफपीआई का निवेश 20 महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंचा
Foreign Portfolio Investors: अगस्त के महीने में फॉरन पोर्टफोलियो इन्वेस्टर्स ने भारतीय शेयर बाजार में कुल 51204 करोड़ का निवेश किया जो 20 महीने का उच्चतम स्तर है. सितंबर के दो कारोबारी सत्रों में अब तक 1963 करोड़ की खरीदारी की गई है.
FPI in August: विदेशी निवेशकों ने भारतीय बाजार में शानदार वापसी की है. अगस्त के महीने में फॉरन पोर्टफोलियो इन्वेस्टर्स (Foreign Portfolio Investors) ने भारतीय शेयर बाजार में कुल 51204 करोड़ की खरीदारी की. यह पिछले 20 महीने का उच्चतम स्तर है. इससे पहले दिसंबर 2020 में एफपीआई ने भारतीय शेयर बाजार में 62016 करोड़ का निवेश किया था जो इससे ज्यादा है. NSDL की वेबसाइट पर उपलब्ध जानकारी के मुताबिक, बॉन्ड बाजार को मिलाकर एफपीआई ने अगस्त के महीने में कुल 56521 करोड़ की खरीदारी की है.
सितंबर में शेयर बाजार में अब तक 1963 करोड़ की खरीदारी
सितंबर महीने के दो कारोबारी सत्र में फॉरन पोर्टफोलियो इन्वेस्टर्स (FPI in September) ने भारतीय शेयर बाजार में 1963 करोड़ की खरीदारी की है. हालांकि, डेट मार्केट से उन्होंने 428 करोड़ की निकासी की है. नेट आधार पर सितंबर में एफपीआई ने भारतीय बाजार में 1535 करोड़ का निवेश किया है.
तेल की कीमत में स्थिरता का मिल रहा फायदा
विदेशी निवेशकों ने लगातार नौ महीने तक बिकवाली करने के बाद जुलाई में शुद्ध आधार पर खरीदारी की थी. जुलाई में एफपीआई ने भारतीय बाजार में 4989 करोड़ रुपए का निवेश किया था. तेल कीमतों में स्थिरता और जोखिम लेने की भावना में बढ़ोतरी के चलते विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) का रुझान भारत की ओर बढ़ा. इस सप्ताह इंटरनेशनल मार्केट में क्रूड ऑयल का भाव 93 डॉलर प्रति बैरल है. WTI क्रूड का भाव 86.87 डॉलर प्रति बैरल है.
सितंबर में निवेश की रफ्तार घट सकती है
एफपीआई ने लगातार नौ महीनों तक बड़े पैमाने पर शुद्ध बिकवाली करने के बाद जुलाई में पहली बार शुद्ध खरीदारी की थी. उन्होंने अक्टूबर 2021 से जून 2022 के बीच भारतीय इक्विटी बाजारों से 2.46 लाख करोड़ रुपए निकाले थे. सैंक्टम वेल्थ में उत्पाद एवं समाधान के सह-प्रमुख मनीष जेलोका ने कहा कि भारत इस महीने भी एफपीआई की शुद्ध आवक दर्ज करेगा, हालांकि अगस्त की तुलना में इसकी गति धीमी हो सकती है. अरिहंत कैपिटल मार्केट्स के संयुक्त प्रबंध निदेशक अर्पित जैन ने कहा कि मुद्रास्फीति, डॉलर का रुख और ब्याज दर एफपीआई प्रवाह को निर्धारित करेंगे.
(भाषा इनपुट के साथ)