FPI in August: विदेशी निवेशकों ने अगस्त में किया 45 हजार करोड़ का बंपर निवेश, अभी इन्हीं के रुख से तय होगा बाजार का मूड
FPI in August: फॉरन पोर्टफोलियो इन्वेस्टर्स की एकबार फिर से वापसी हो चुकी है. FPI ने अगस्त के महीने में अबतक भारतीय बाजार में करीब 45 हजार करोड़ का निवेश किया है. जानकारों का कहना है कि अभी यह क्रम जारी रहेगा.
Share Market Updates: भारतीय शेयर बाजार का मूड फिर से हाई है. शेयर बाजार में तेजी का बड़ा कारण है कि विदेशी निवेशक (Foreign Investors) एकबार फिर से बड़े पैमाने पर खरीदारी कर रहे हैं. नौ महीने तक लगातार बिकवाली करने के बाद फॉरन पोर्टफोलियो इन्वेस्टर्स ने जुलाई के महीने में वापसी की थी. अगस्त के महीने में अब तक FPI ने करीब 45 हजार करोड़ की खरीदारी की है. अमेरिका में महंगाई कम होने और डॉलर इंडेक्स में गिरावट के बीच भारतीय बाजारों के प्रति उनका भरोसा बढ़ा. डिपॉजिटरी के आंकड़ों के मुताबिक एफपीआई ने जुलाई महीने में लगभग 5000 करोड़ रुपए का शुद्ध निवेश किया था.
एफपीआई इससे पहले अक्टूबर 2021 से जून 2022 के बीच उन्होंने भारतीय इक्विटी बाजारों में 2.46 लाख करोड़ रुपए की भारी बिक्री की थी. कोटक सिक्योरिटीज के प्रमुख- इक्विटी शोध (खुदरा) श्रीकांत चौहान ने कहा कि आने वाले महीनों में एफपीआई प्रवाह में उतार-चढ़ाव बना रहेगा, हालांकि बढ़ती महंगाई, मौद्रिक नीति में सख्ती और तिमाही नतीजों को लेकर चिंताएं कम होने से उभरते बाजारों में आवक बेहतर होने की उम्मीद है.
एक साल किसी एक महीने में सबसे अधिक निवेश
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार ने कहा कि निकट अवधि में पूंजी प्रवाह मुख्य रूप से डॉलर की गति से प्रभावित होगा. डिपॉजिटरी के आंकड़ों के मुताबिक एफपीआई ने 1-19 अगस्त के दौरान भारतीय इक्विटी में शुद्ध रूप से 44,481 करोड़ रुपए का निवेश किया है. यह चालू वर्ष में उनका अब तक का सबसे अधिक निवेश है.
ग्लोबल इंडिकेशन और FPI के एक्शन का दिखेगा असर
शेयर बाजारों की दिशा इस सप्ताह वैश्विक रुझानों, विदेशी निवेशकों के रुख और रुपए की चाल से तय होगी. विश्लेषकों ने यह बात कही. स्वास्तिका इंवेस्टमार्ट लिमिटेड के शोध प्रमुख संतोष मीणा ने कहा, ''इस सप्ताह अगस्त महीने के वायदा एवं विकल्प (एफएंडओ) सौदे पूरे होंगे, जहां तेजड़िए अगस्त सीरीज में बढ़त के बाद आराम की तलाश में हैं.'' उन्होंने कहा, ‘‘इस सप्ताह बहुत अधिक घटनाएं नहीं हैं, लेकिन वैश्विक संकेत, अगस्त महीने के एफएंडओ सौदे और एफआईआई का रुख बाजार की दिशा तय करने में महत्वपूर्ण होंगे.’’लगभग सभी कंपनियों के तिमाही नतीजे आ चुके हैं, और अब बाजार का ध्यान चीन-अमेरिका के बीच भू-राजनीतिक तनाव और रूस-यूक्रेन संघर्ष के अलावा कच्चे तेल के रुख पर भी होगा.