कोरोना वायरस के कहर से जहां दुनियाभर के बाजारों की स्थिति डांवाडोल है वहीं भारतीय बाजार गुलजार है. यहां स्थानीय निवेशकों के साथ विदेशी निवेशकों का बाजार पर भरोसा लगातार बढ़ रहा है. विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (Foreign Portfolio Investment) ने फरवरी में भारतीय पूंजी बाजारों में शुद्ध रूप से 6,554 करोड़ रुपये का निवेश किया है. कोरोना वायरस को लेकर डर, कमजोर आर्थिक आंकड़ों तथा कंपनियों के निराशाजनक तिमाही नतीजों के बीच विदेशी निवेशकों ने सतर्क रुख अपनाया हुआ है.

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डिपॉजिटरी के आंकड़ों के अनुसार विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने 3 से 28 फरवरी के दौरान शेयरों में शुद्ध रूप से 1,820 करोड़ रुपये का निवेश किया. इसके अलावा उन्होंने ऋण या बांड बाजार में 4,734 करोड़ रुपये का निवेश किया. इस तरह भारतीय पूंजी बाजारों में उनका शुद्ध निवेश 6,554 करोड़ रुपये रहा.

इसका एक सकारात्मक पक्ष यह है कि एफपीआई सितंबर, 2019 से भारतीय बाजारों में शुद्ध खरीदार बने हुए हैं.

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मॉर्निंगस्टार इन्वेस्टमेंट एडवाइजर इंडिया के वरिष्ठ विश्लेषक प्रबंधक शोध हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा कि अन्य वैश्विक बाजारों की तरह भारतीय बाजार भी कोरोना वायरस के झटके का शिकार हुए हैं. एफपीआई ऐसे बाजार में निवेश से हिचकिचा रहे हैं , जो पर्यटन पर निर्भर है. इस वायरस के फैलने से उनकी संभावनाएं और आर्थिक वृद्धि प्रभावित हो सकती है.