सेंसेक्स को चार महीने के हाई पर पहुंचाने में विदेशी निवेशकों का है बड़ा योगदान, अगस्त में अब तक 22452 करोड़ का निवेश
Foreign Portfolio Investors: अगस्त महीने के पहले दो सप्ताह में FPI ने आक्रामक तरीके से खरीदारी की है. पहले दो सप्ताह में विदेशी निवेशकों ने 22452 करोड़ रुपए का शेयर खरीदा है. जुलाई के महीने में FPI ने भारतीय बाजार में वापसी की और करीब 5000 करोड़ रुपए का निवेश किया.
Foreign Portfolio Investors: भारतीय बाजार में पिछले चार सप्ताह से तेजी देखी जा रही है. इस सप्ताह सेंसेक्स और निफ्टी चार महीने के उच्चतम स्तर पर बंद हुआ. बाजार में जारी तेजी के बीच विदेशी निवेशकों (Foreign investors) का बड़ा योगदान है. नौ महीने बाद जुलाई के महीने में फॉरन पोर्टफोलियो इन्वेस्टर्स ने भारतीय बाजार में वापसी की और करीब 5000 करोड़ रुपए का निवेश किया. अगस्त महीने के पहले दो सप्ताह में FPI ने आक्रामक तरीके से खरीदारी की है. पिछले महीने एफपीआई एक लंबे अंतराल के बाद भारतीय शेयर बाजारों में फिर शुद्ध लिवाल बने थे. महंगाई को लेकर चिंताएं कम होने के बीच विदेशी निवेशकों ने अगस्त के पहले दो सप्ताह में शेयर बाजारों में 22,452 करोड़ रुपए डाले हैं.
डिपॉजिटरी के आंकड़ों के अनुसार, इससे पहले जुलाई के पूरे महीने में एफपीआई ने शेयरों में करीब 5,000 करोड़ रुपए डाले थे. लगातार नौ माह तक निकासी के बाद जुलाई में एफपीआई पहली बार शुद्ध लिवाल बने थे. पिछले साल अक्टूबर से वे लगातार बिकवाल बने हुए थे. अक्टूबर, 2021 से जून, 2022 तक विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने 2.46 लाख करोड़ रुपए के शेयर बेचे थे.
महंगाई को लेकर चिंता कम होने से सेंटिमेंट मजबूत
कोटक सिक्योरिटीज के इक्विटी शोध (खुदरा) श्रीकांत चौहान ने कहा कि महंगाई का लेकर चिंता दूर होने तथा केंद्रीय बैंकों द्वारा मौद्रिक रुख को सख्त किए जाने की वजह से आगे चलकर उभरते बाजारों में एफपीआई के प्रवाह में और सुधार देखने को मिलेगा.
जुलाई में खुदरा महंगई 5 महीने के न्यूनतम स्तर पर
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, जुलाई में खुदरा महंगाई की दर घटकर 6.71 फीसदी पर आ गई है. हालांकि, यह अब भी रिजर्व बैंक के छह फीसदी के संतोषजनक स्तर से ऊपर बनी हुई है. खाद्य वस्तुओं के दाम घटने से खुदरा महंगाई नीचे आई है. वहीं अमेरिका में भी महंगाई 40 साल के उच्चस्तर से घटकर जून में 8.5 फीसदी रह गई है. इससे संकेत मिलता है कि अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व आगे अपने मौद्रिक रुख को अधिक सख्त नहीं करेगा.
कच्चे तेल में नरमी से सेंटिमेंट मजबूत बना रहेगा
ट्रेडस्मार्ट के चेयरमैन विजय सिंघानिया ने कहा, ‘‘ऊर्जा के दाम निचले स्तर पर रहते हैं और युद्ध के मोर्चे से कुछ हैरान करने वाली खबरें नहीं आती हैं, तो विदेशी कोषों का प्रवाह जारी रहेगा.’’ डिपॉजिटरी के आंकड़ों के अनुसार, एफपीआई ने एक से 12 अगस्त के दौरान शेयरों में शुद्ध रूप से 22,452 करोड़ रुपए डाले. इसके अलावा समीक्षाधीन अवधि में एफपीआई ने ऋण या बॉन्ड बाजार में शुद्ध रूप से 1,747 करोड़ रुपए का निवेश किया है.