किसान (Farmers) की सबसे बड़ी समस्या उसके उत्पादों का सही दाम नहीं मिलना है. आज जहां प्याज, लहसुन और टमाटर के आसमान छूते दामों से आम आदमी से लेकर शासन-प्रशासन तक हलकान है, वहीं किसान को इसका बिल्कुल भी फायदा नहीं मिल रहा है. किसानों को उनकी उपज का सही दाम नहीं मिलने से सरकार भी परेशान है और उन्हें उनका वाजिव हक दिलाने के लिए तमाम योजनाएं शुरू की हुई हैं. ऐसी ही एक योजना है राष्ट्रीय कृषि बाजार योजना (National Agriculture Market) यानी ई-नाम (e-NAM) योजना. इन योजना का फायदा उठाकर किसान अपनी उपज को अच्छे दाम पर बेच सकते हैं.

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अभी हाल ही में वित्त मंत्री (Finance Minister) निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने भी किसानोँ से कृषि क्रय बाजार समितियों (APMC) को छोड़ कर इलेक्ट्रॉनिक नेशनल एग्रीकल्चर मार्केट (e-NAM) को अपनाने की अपील की है, ताकि उन्हें उनके उत्पादों की बेहतर कीमत मिल सके. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ई-नाम (E-NAM) को बढ़ावा दे रही है और कई राज्य सरकारें इसे अपने स्तर पर बढ़ावा देने को सहमत हैं.

वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार यह भी कोशिश कर रही है कि राज्य एपीमीसी को छोड़कर ई-नाम को बढ़ावा दें. उन्होंने कहा कि इसमें कोई शक नहीं कि एक समय पर एपीएमसी (APMC) ने अपनी भूमिका अच्छे से निभायी थी. लेकिन आज एपीएमसी के साथ कई सारी दिक्कतें जुड़ी हैं, हर राज्य में ये मंडियां इतनी प्रभावी नहीं रह गयी हैं कि किसानों को उनके उत्पादों की बेहतर कीमत दिलाने में मददगार साबित हो सकें.

इस समय देश में आठ राज्यों की 21 ई-नाम ने कृषि जिंसों की इलेक्ट्रानिक मंच पर अंतरराज्यीय व्यापार की सुविधा प्रदान करने के लिए आपस में हाथ मिलाया है. इन राज्यों में उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश की ई-नाम शामिल हैं.

 

राष्ट्रीय कृषि बाजार (ई-नाम) एक पैन-इंडिया इलेक्ट्रॉनिक व्यापार पोर्टल है जो कृषि से संबंधित उपजो के लिए एक एकीकृत राष्ट्रीय बाजार का निर्माण करने के लिए मौजूदा ए.पी.एम.सी मंडी का एक प्रसार है.

क्या है ई-नाम योजना

बाजार में पारदर्शी विक्रय सुविधा और मूल्य की खोज के लिए सरकार ने राष्ट्रीय ई-बाजार मंच तैयार किया है. राष्ट्रीय कृषि बाजार (ई-नाम) एक पैन-इंडिया इलेक्ट्रॉनिक व्यापार पोर्टल है जो कृषि उपजों के लिए एक सेंट्रलाइज राष्ट्रीय बाजार का निर्माण करने के लिए मौजूदा एपीएमसी मंडी (कृषि उपज मंडी समिती) का एक प्रसार है. 

एक राज्य के लिए एक ही एकीकृत कृषि बाजार नहीं होता है और उसी राज्य के भीतर किसी एक बाजार से दूसरे बाजार में जाने वाली उपज पर लेन-देन शुल्क भी लगता है. एक ही राज्य के विभिन्न बाजारों में व्यापार के लिए एकाधिक लाइसेंस आवश्यक हैं. 

 

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ई-नाम में ऐसा नहीं है. ई-नाम में रजिस्टर्ड होने के बाद आप अपना सामान किसी भी मंडी में बेच सकते हैं. ई-नाम में रजिस्ट्रेशन के लिए किसानों को एक पासपोर्ट साइज फोटो, एड्रेस प्रूफ, बैंक अकाउंट नंबर और पासबुक की फोटो कॉपी की जरूरत होती है.