5 राज्यों के चुनाव: पिछली बार कितने सच साबित हुए थे Exit Polls, नतीजों का बाजार पर क्या होगा असर?
राजस्थान और तेलंगाना में वोटिंग होने के साथ ही अब सभी की नजर पांच राज्यों के नतीजों पर टिक जाएगी. चुनावों के नतीजे 11 दिसंबर को आएंगे.
राजस्थान और तेलंगाना में वोटिंग होने के साथ ही अब सभी की नजर पांच राज्यों के नतीजों पर टिक जाएगी. चुनावों के नतीजे 11 दिसंबर को आएंगे, लेकिन उससे पहले शुक्रवार की शाम को आने वाले एक्जिट पोल को लेकर सभी की उत्सुकता बनी हुई है और अंतिम नतीजे आने तक इन एक्जिट पोल के आधार पर ही अटकलों का दौर जारी रहेगा. ये अटकलें शेयर बाजार को निश्चित रूप से प्रभावित करेंगे और जानकार कह रहे हैं कि 11 दिसंबर तक बाजार में सतर्कता का रुख ही देखने को मिलेगा.
मध्य प्रदेश
जहां तक एक्जिट पोल की बात है तो ये गौरतलब है कि पिछली बार इन राज्यों के चुनावों में एक्जिट पोल के नतीजे कितने सच साबित हुए थे. डेटा पर गौर करें तो 2013 के विधानसभा चुनावों में मध्य प्रदेश की 230 विधानसभा सीट के लिए एक्जिट पोल में सीवोटर-इंडिया टीवी ने बीजेपी को 128 और कांग्रेस को 92 सीट मिलने का दावा किया था. टुडेज़ चाणक्या ने बीजेपी को 161 और कांग्रेस को 62 सीट दी थीं. एबीपी नीलसन ने बीजेपी को 138 और कांग्रेस को 80 सीट मिलने की भविष्यवाणी की थी. जब परिणाम आए तो मध्य प्रदेश में बीजेपी 165 सीट और कांग्रेस को 58 सीट मिली.
राजस्थान
राजस्थान की 200 विधानसभा सीट के लिए एक्जिट पोल में सीवोटर-इंडिया टीवी ने बीजेपी को 118 और कांग्रेस को 64 सीट मिलने का दावा किया था. ओआरजी- इंडिया टूडे ने बीजेपी को 105 और कांग्रेस को 76 सीट दी थीं. एबीपी-नीलसन ने बीजेपी को 105 और कांग्रेस को 75 सीट मिलने की भविष्यवाणी की थी. जब परिणाम आए तो राजस्थान में बीजेपी को जोरदार जीत मिली थी. यहां बीजेपी को 163 सीट और कांग्रेस को 21 सीट मिली थीं, जबकि 3 सीट बीएसपी के खाते में गईं थीं.
छत्तीसगढ़
छत्तीसगढ़ की 90 विधानसभा सीट के लिए एक्जिट पोल में सीवोटर-NWS ने बीजेपी को 44 और कांग्रेस को 41 सीट मिलने का दावा किया था. टुडेज चाणक्या ने बीजेपी को 46 और कांग्रेस को 42 सीट दी थीं. एबीपी-नीलसन ने बीजेपी को 60 और कांग्रेस को 27 सीट मिलने की भविष्यवाणी की थी. जब परिणाम आए तो छत्तीसगढ़ में बीजेपी ने 49 सीट के साथ जीत दर्ज की थी, जबकि कांग्रेस के खाते में 39 सीट आई थी. बीएसपी को एक सीट मिली थी.
मिजोरम
मिजोरम में 40 विधानसभा सीट के लिए एक्जिट पोल में सीवोटर-इंडिया टीवी ने कांग्रेस को 19 और एमएनएफ को 14 सीट मिलने का दावा किया था. जब परिणाम आए तो मिजोरम में कांग्रेस पार्टी को 34 सीट मिली थीं, जबकि बीजेपी यहां खाता नहीं खोल सकी थी. एमएनएफ को पांच सीट और एमपीसी को एक सीट मिली थी.
तेलंगाना
तेलंगाना में 2014 में चुनाव हुए थे. तेलंगाना की 119 विधानसभा सीट के लिए एक्जिट पोल में एनडीटीवी हंसा ने टीआरएस को 73, कांग्रेस को 24 सीट और टीडीपी को 11 सीट मिलने का दावा किया था. महा न्यूज ने टीआरएस को 57, कांग्रेस को 23, टीडीपी को 21 और बीजेपी को 7 सीट दी थीं. जब परिणाम आए तो यहां टीआरएस को 63 सीट, कांग्रेस को 21 सीट और टीडीपी को 15 सीट मिलीं थी. बीजेपी को 5 सीटों से संतोष करना पड़ा था.
कैसी रहेगी बाजार की चाल?
बाजार के जानकारों का मानना है कि यदि इन चुनावों में बीजेपी को तीन राज्यों में जीत मिलती है तो बाजार में आने वाले दिनों में तेजी का रुख देखने को मिलेगा. यदि बीजेपी राजस्थान हार गई, लेकिन मध्य प्रदेश बच गया, तो भी बाजार का रुख सकारात्मक रहेगा. लेकिन मध्य प्रदेश में भी बीजेपी की हार का मतलब है कि आने वाले दिनों में बाजार में बिकवाली तेज होगी. यानी कहा जा सकता है कि बाजार बीजेपी की जीत की कामना जरूर कर रहा होगा.
ऐसे में कोई सवाल कर सकता है कि बाजार को बीजेपी से लगाव क्यों है. दरअसल बाजार को किसी पार्टी से लगाव नहीं है, बस शेयर बाजार से जुड़े लोग देश में स्थित सरकार चाहते हैं. राजनीतिक अस्थिरता व्यापार के लिए भी ठीक नहीं है. आज की स्थिति में लगता है कि बीजेपी ही स्थिर सरकार दे सकती है, लेकिन इन विधानसभा चुनावों में बीजेपी की हार का मतलब होगा कि 2019 में देश में फिर त्रिशंकु सरकार आ सकती है. बाजार इसी वजह से डरा हुआ है.