LIC IPO: देश के सबसे बड़े LIC IPO में देरी हो सकती है. इस मेगा आईपीओ के चालू वित्‍त वर्ष में आने की उम्‍मीद थी, लेकिन बाजार के मौजूदा हालात और रूस-यूक्रेन युद्ध के चलते बदले हालात को देखते हुए मार्च में आईपीओ आने की उम्‍मीद कम है. अप्रैल-मई में यह आईपीओ आ सकता है. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, जो DRHP फाइल किया गया है, उसकी कंडीशन में 12 मई तक मंजूरी जारी है. मतलब 12 मई तक आईपीओ लाया जा सकता है. 

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सूत्रों के मुताबिक, अगर 12 मई के बाद आईपीओ लाने की स्थिति बनती है तो, एम्‍बेडेड वैल्‍यू और नतीजों में बदलाव करना होगा. लेकिन, सूत्रों के मुताबिक पूरी कोशिश रहेगी मार्च में अगर आईपीओ नहीं आ पाता है, तो अप्रैल के आखिरी हफ्ते या मई के पहले हफ्ते में आ सकता है. DRHP के बाद के जो रोडशो हैं, वो पूरे हो चुके हैं. सरकार और LIC की तरफ से इसकी तैयारियां भी पूरी की जा चुकी हैं. लेकिन बाजार में जिस तरह का उतार-चढ़ाव है, उसको लेकर सरकार कोई रिस्‍क नहीं लेना चाहती है.

रूस-यूक्रेन युद्ध के चले विदेशी निवेशक सतर्क 

दरअसल, रूस-यूक्रेन के बाद से परिस्थितियां बदली हैं. जिस तरह से एलआईसी के आईपीओ में 20 फीसदी तक FDI निवेश को भी मंजूरी दी गई है. इसके बाद विदेशी निवेशक भी वेट एंड वॉच की स्थिति में हैं. इसको लेकर भी सरकार सतर्क है. इसलिए उम्‍मीद की जा रही है कि LIC के IPO की टाइमलाइन थोड़ी बहुत आगे हो सकती है.

 

13 फरवरी को DRHP को मिली थी मंजूरी 

LIC की ओर से 13 फरवरी, 2022 को दाखिल दस्तावेजों के मसौदे (DRHP) को सेबी ने मंजूरी दे दी है. इससे शेयर बिक्री का रास्ता साफ हो गया है. इससे सरकार को चालू वित्त वर्ष के अपने विनिवेश लक्ष्य को पूरा करने के लिए 60,000 करोड़ रुपये जुटाने में मदद मिलेगी. डीआरएचपी के मुताबिक, आईपीओ के तहत सरकार एलआईसी के 31.6 करोड़ इक्विटी शेयर या कंपनी में अपनी पांच फीसदी हिस्सेदारी बेचेगी. मार्च में अगर यह बिक्री नहीं होती है तो सरकार चालू वित्त वर्ष के लिए अपने संशोधित विनिवेश लक्ष्य से पीछे रह जाएगी.

सबसे बड़ा आईपीओ होगा

LIC का यह पब्लिक इश्यू के भारतीय शेयर मार्केट के इतिहास में सबसे बड़े आईपीओ होगा. जिसके बाद एलआईसी की मार्केट वैल्यू रिलायंस और टीसीएस जैसी टॉप कंपनियों के बराबर होगी. जीवन बीमा निगम (LIC) के IPO के माध्यम से सरकार ने चालू वित्त वर्ष में 60,000 करोड़ रुपये से अधिक जुटाने का लक्ष्य रखा है ताकि इसके संशोधित विनिवेश लक्ष्य 78,000 करोड़ रुपये को पूरा किया जा सके.  

 

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