कोरोना का संकट अभी टला नहीं है. मार्केट लगातार बड़ा उतार-चढ़ाव दिखा रहा है. सेंसेक्स और निफ्टी दोनों ही इस वक्त रोलर कोस्टर राइड पर हैं. लगातार अहम सपोर्ट लेवल टूट रहे हैं. बड़ी गिरावट के बाद लगातार रिकवरी देखने को मिली है. लेकिन, क्या रिकवरी में खरीदारी करनी चाहिए? क्या मार्केट अब स्टेबल हो रहे हैं? क्या समस्या खत्म हो गई है? जी नहीं, मार्केट अब भी कोरोना संकट से निकल नहीं पाया है. मार्केट फिलहाल सेंटीमेंट्स को रीड नहीं कर रहा है. ज़ी बिज़नेस के मैनेजिंग एडिटर अनिल सिंघवी के मुताबिक, अभी बाजार में और झटके आना बाकी है. 

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अगले 1-2 हफ्ते में बाजार देगा झटके

अनिल सिंघवी के मुताबिक, बाजार में अभी तक 35 फीसदी का करेक्शन आ चुका है. आगे कितना करेक्शन होगा ये कहना मुश्किल है. लेकिन, क्या समस्या खत्म हो गई है? अनिल सिंघी ने कहा जी नहीं, मुश्किल खत्म नहीं हुई है. निवेशकों को अब दो चीजों पर नजर रखनी है. पहला- अमेरिका में कोरोना काबू में आएगा या बढ़ेगा. अनिल सिंघवी का मानना है कि जो संकेत मिल रहे हैं, उससे काबू में आने से पहले कोरोना और बढ़ेगा. अमेरिकी बाजारों की समस्या खत्म नहीं हुई है. अमेरिकी बाजार आपको एक या दो बड़े झटके दे सकता है. हालांकि, ये कहना मुश्किल है कि बाजार 5 फीसदी नीचे जाएंगे या 10 फीसदी. 

क्यों आएंगे झटके?

अनिल सिंघवी के मुताबिक, अमेरिका बाजार में भारी उतार-चढ़ाव का असर भारतीय बाजारों पर भी दिखेगा. इंडिया Vix अभी भी काबू में नहीं आ रहा है. अमेरिका में इंडिया Vix अभी भी काफी ऊपरी लेवल पर ट्रेड कर रहा है. ये संकेत दे रहा है कि अमेरिकी बाजारों में भले ही हल्की रिकवरी जरूर आ रही है. लेकिन, वॉलेटिलिटी इंडेक्स अभी भी आपको कंफर्ट नहीं दे रहा है. अनिल सिंघवी का मानना है कि अगले हफ्ते आप अमेरिका बाजार के 1 या 2 झटकों के लिए तैयार रहिए. 

भारतीय शेयर बाजार में क्या करना है?

निवेशकों के लिए दूसरी चीज- भारतीय बाजार में अगले 3-4 ट्रेडिंग सेशन बेहद अहम हैं. सोमवार-मंगलवार के ट्रेडिंग सेशन में स्थिति साफ हो जाएगी कि कोरोना कितना काबू में है. अगर कोरोना के मामले किसी भी तरह से बढ़े तो भारतीय शेयर बाजारों में भी एक या दो झटके लग सकते हैं. अगर अमेरिका के साथ-साथ ही भारतीय बाजारों में झटके लगे तो शायद दो झटकों से ही काम हो जाए. लेकिन, अगर कोरोना के मामले थोड़ी देर से बढ़ते हैं तो भारत में अपने रिस्क फैक्टर और हो सकते हैं. इंडिया के लिहाज से अगले 4-5 दिन कोरोना पर बड़ी कड़ी नजर रखनी है. अगर कोरोना इंडिया में पैर पसारता है तो अमेरिका से अलग दो झटके भारतीय बाजारों में और देखने को मिल सकते हैं.

निवेशक किस लेवल पर लगाएं पैसा?

अनिल सिंघवी के मुताबिक, निवेशकों को अब 7200 से 7500 के लेवल पर 60-70 फीसदी पैसा निवेश कर देना चाहिए. बाकी का 30 फीसदी पैसा उस स्थिति के लिए बचाकर रखें, जब बाजार में आगे भी बड़ी गिरावट देखने को मिले. बचा हुआ पैसा बाजार में आने वाली गिरावट में काम आएगा. अगर बाजार 7200 का लेवल नहीं तोड़ता है तो ये भारतीय बाजारों के लिए बड़ी अचीवमेंट होगी. निवेशकों के लिए यही राय है कि जल्दबाजी न करें. रुक-रुक कर पैसा डालें. पैनिक का इंतजार करें. पूरी संभवना है आपको पैनिक मिलेंगे. 

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कितना गिर सकते हैं बाजार?

अनिल सिंघवी के मुताबिक, अभी भी ग्लोबल या भारतीय बाजारों में बड़ी गिरावट के लिए जगह है. अभी भी बाजार का सबसे खराब प्रदर्शन नहीं देखा है. निवेशकों को टुकड़े में पैसा डालना है. फंसना नहीं है. हर लेवल पर खरीदारी का मौका मिलेगा. कोई V शेप रिकवरी नहीं होने वाली है. घाव गहरा है, भरने में वक्त लगेगा. अच्छे शेयरों को अच्छे भाव पर खरीदने की तैयारी कीजिए. अगर आपका तेजी का भाव फंसा हुआ है तो लेवल आने पर तुरन्त निकल जाएं. अगर लेवल न भी आए तो भी रिजनेबल लॉस (कम नुकसान में) में भी बेचकर निकल जाएं. जितनी शार्प रिकवरी आए उस पर उतना भरोसा कम होना चाहिए. उछाल में बेचने का सोचिए, खरीदना नहीं है. लंबी अवधि के लिए ट्रेड करेंगे तो फंसेंगे.