Editor’s Take के एक स्‍पेशल एडिशन में जी बिजनेस के मैनेजिंग एडिटर अनिल सिंघवी (Anil Singhvi) ने मेटल्‍स से दूर रहने की सलाह है. उनका मानना है कि IT सेक्‍टर के लिए कुछ निगेटिव ट्रिगर्स के चलते स्‍टॉक अंडरपरफॉर्म रहेंगे. मेटल और आईटी शेयर में खरीदारी नहीं करने की राय है. उन्‍होंने बताया कि बैंक निफ्टी में मार्केट से ज्‍यादा रिटर्न देने की क्षमता कम है. सोमवार को बेंचमार्क इंडेक्‍स सेंसेक्‍स (Sensex) और निफ्टी50 (Nifty50) में गिरावट के साथ कारोबार की शुरुआत हुई.

मेटल शेयर भाव बढ़ते ही बेचे 

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अनिल सिंघवी का मेटल स्‍टॉक्‍स पर पूरी तरह बीयरिश रुख है. उन्‍होंने कहा कि मेटल्‍स की ग्‍लोबल कीमतें लगातार टूट रही हैं. एक हफ्ते में हॉट रोड कॉयल की कीमत 4 फीसदी से ज्‍यादा टूट चुकी है. अमेरिका में 5 फीसदी स्टील इंडेक्‍स गिरे हैं. इसी तरह, चीन में आयरन ओर के दाम भी 4 फीसदी गिर चुके हैं. ऐसे में मेटल्‍स स्‍टॉक नहीं लेना है. अभी इन्‍वेस्‍टमेंट और ट्रेडिंग दोनों के लिए नहीं लेना है. मुमकिन है कि मार्केट में रिकवरी आएगी, तो मेटल थोड़े बढ़ भी जाएंगे. यह बिलकुल साफ तौर पर समझ लें कि मेटल स्‍टॉक नहीं लेना है. भाव बढ़ने पर बिकवाली की सलाह है.

IT शेयरों से रहे दूर 

सिंघवी का कहना है, ''जैसाकि हम रिजल्‍ट से पहले से लगातार कह रहे हैं कि IT शेयर नहीं लेना है. IT में अभी पॉजिटिव तो नहीं हूं, लेकिन उतना गिनेटिव नहीं हूं, जितना पहले था.'' IT स्‍टॉक्‍स को देखें, तो करीब-करीब लॉर्ज से मिडकैप स्‍पेस के सभी शेयर 10 फीसदी तक टूट चुके हैं. 

उन्‍होंने कहा कि IT सेक्‍टर में बिजनेस की दिक्‍कत नहीं है, वहां समस्‍या एग्‍जीक्‍यूशन को लेकर है. जब तक आईटी में ऑट्रिशन यानी नौकरियां बदलने वाली दिक्‍कत नहीं दूर होगी, तब तक कंपनियों के सामने चैलेंज रहेगा. ऑट्रिशन रेट 25-30 फीसदी यानी हर तीन में से एक आदमी छोड़कर चले जाए और आप सोच रहे हैं आप कंपनी अच्‍छी चला लोगे. यानी, यहां दिक्‍कत बिजनेस की नहीं है, एग्‍जीक्‍यूशन को लेकर है. इस दिक्‍कत को दूर करने में कम से कम 1-2 तिमाही का अभी लगेगा, तबतक  IT सेक्‍टर अंडरपरफॉर्म बना रहेगा.

अगर आपका 2-3 साल का नजरिया है, तो आईटी बेहतर है. गिरावट में खरीदारी करनी है. 2 से 3 महीने या 2 से 3 तिमाही का नजरिया है, तो थोड़ा सावधान रहना है. 

बैंक शेयरों में ओवरबुलिश नहीं 

बैंक्‍स पर सिंघवी का कहना है कि ICICI बैंक ने मार्च तिमाही के अर्निंग्‍स के दम पर प्रीमियम और लीडरशिप पोजिशन में आएगा. जबकि दूसरा बैंकिंग हैवीवेट HDFC बैंक कुछ समय के लिए अंडरपरफॉर्म बना रहेगा. उन्‍होंने निवेशकों को HDFC बैंक से ICICI बैंक शिफ्ट होने की सलाह दी है. 

उनका कहना है कि ICICI बैंक के ड्राइवर सीट पर बैठने के बावजूद बैंक निफ्टी की क्षमता मार्केट से बेहतर रिटर्न देने की नहीं है. क्‍योंकि, HDFC बैंक से जरूरी सपोर्ट नहीं मिला है. इसके अलावा, रिलायंस और फ्यूचर डील रद्द होना अधिकांश सरकारी बैंकों के लिए निगेटिव है. 

ऑटो में गिरावट पर करें खरीदारी

अनिल सिंघवी ऑटो स्‍टॉक्‍स पर बुलिश हैं. उन्‍होंने गिरावट में खरीदारी की सलाह दी है. अपने फेवरेट पिक में उन्‍होंने मारुति सुजुकी को चुना है  क्‍योंकि मारुति की अपने पीयर ग्रुप की दूसरी कंपनियों के मुकाबले रॉ मैटीयिरल्‍स के लिए चीन पर निर्भरता कम है. 

 

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